देश की खबरें | अन्य दक्षिणी राज्यों की तरह कर्नाटक भी आगामी चुनाव में राष्ट्रीय दलों को खारिज कर देगा: कुमारस्वामी

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. जनता दल (सेक्यूलर) नेता एचडी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण भारत के अन्य राज्यों की तरह, कर्नाटक भी 2023 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय दलों को खारिज कर देगा और किसी क्षेत्रीय पार्टी का चुनेगा क्योंकि लोग नहीं चाहते कि यहां का प्रशासन दिल्ली में बैठे आलाकमान द्वारा चलाया जाए।

चन्नापटना (कर्नाटक), 25 जून जनता दल (सेक्यूलर) नेता एचडी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को कहा कि दक्षिण भारत के अन्य राज्यों की तरह, कर्नाटक भी 2023 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय दलों को खारिज कर देगा और किसी क्षेत्रीय पार्टी का चुनेगा क्योंकि लोग नहीं चाहते कि यहां का प्रशासन दिल्ली में बैठे आलाकमान द्वारा चलाया जाए।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्यपाल वजुभाई वाला और विधानसभाध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी को पत्र लिखकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का आग्रह किया है ताकि कोविड की स्थिति, सरकार में भ्रष्टाचार के आरोपों, प्रशासन में दूसरों के कथित हस्तक्षेप और अन्य मुद्दों पर चर्चा हो सके।

कुमारस्वामी ने यहां संवाददाताओं से कहा, "पूरे देश में लोग क्षेत्रीय दलों से आकर्षित हैं। विशेष रूप से दक्षिण भारत में, कर्नाटक को छोड़कर सभी राज्यों में कांग्रेस और भाजपा को खारिज कर दिया गया है।" उन्होंने कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव में कर्नाटक भी दोनों राष्ट्रीय दलों को खारिज कर देगा।

उन्होंने कहा, ‘‘इसे हासिल करने के मकसद से, हम (जद एस) लोगों का विश्वास जीतना चाहते हैं और यह ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि प्रशासन आलाकमान (राष्ट्रीय दलों के) द्वारा नहीं चलाया जाए..।’’

कर्नाटक के अलावा अन्य सभी दक्षिण भारतीय राज्यों में भारती जनता पार्टी या कांग्रेस जैसे प्रमुख राष्ट्रीय दलों का शासन नहीं है। केरल में वाम मोर्चे की सरकार है वहीं तमिलनाडु में द्रमुक, आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस और तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का शासन है।

विधानसभा के विशेष सत्र की मांग करते हुए कुमारस्वामी ने राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के "दोहरे मानकों" पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में दो दिनों के लिए विधानसभा का सत्र बुलाया गया है, लेकिन वहां विपक्षी पार्टी भाजपा के नेता मांग कर रहे हैं कि इसे बढ़ाया जाए जबकि भाजपा की सरकार कर्नाटक में सत्र नहीं बुला रही है।

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