देश की खबरें | कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने एमयूडीए ‘घोटाले’ को लेकर विपक्ष के आरोपों को खारिज किया

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बेंगलुरु, 26 जुलाई कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा उनकी पत्नी पार्वती सहित जमीन गंवाने वालों को किए गए भूमि आवंटन में कथित धोखाधड़ी के सिलसिले में अपना बचाव करते हुए कहा कि इसमें न तो उनकी और न ही उनके परिवार के किसी भी सदस्य की कोई भूमिका है।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल सेक्युलर (जद-एस) द्वारा ‘‘घृणा एवं बदले की भावना’’ से उनके खिलाफ राजनीति से प्रेरित आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन दलों की मंशा उनकी छवि धूमिल करने की है क्योंकि वे उनके दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने को पचा नहीं पा रहे हैं।

सिद्धरमैया ने यह भी कहा कि राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने एमयूडीए में कथित अनियमितताओं के संबंध में सरकार से रिपोर्ट मांगी है और रिपोर्ट भेज दी जाएगी ‘‘क्योंकि सबकुछ पूरी तरह से कानून सम्मत है।’’

उन्होंने भाजपा-जद-एस द्वारा लगाए गए आरोपों पर विस्तृत बयान देते हुए कहा, ‘‘क्या इसमें मेरी या मेरी पत्नी या मेरे साले की कोई भूमिका है? हमारी ज़मीन (एमयूडीए द्वारा) ली गई...एमयूडीए ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए दूसरों की तरह ही हमें भी जगह (वैकल्पिक भूखंड) दी। इसमें गैरकानूनी क्या है?’’

मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरी कोई भूमिका नहीं है। यह पूरी तरह से कानून सम्मत है। भाजपा और जद-एस राजनीति के लिए झूठे प्रचार में लिप्त हैं और मुझे व्यक्तिगत रूप से बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि दोनों दल यह पचा नहीं पा रहे हैं कि मैं दूसरी बार मुख्यमंत्री बना हूं और वे 2023 का विधानसभा चुनाव हार चुके हैं तथा 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें झटका लगा है।’’

आरोप है कि मैसुरू के एक पॉश इलाके में मुख्यमंत्री की पत्नी पार्वती को वैकल्पिक भूखंड आवंटित किए गए जिनकी कीमत एमयूडीए द्वारा ‘अधिग्रहीत’ उनकी जमीन के मूल्य की तुलना में अधिक है।

एमयूडीए ने पार्वती की 3.16 एकड़ जमीन के बदले में उन्हें 50:50 अनुपात योजना के तहत भूखंड आवंटित किए थे। प्राधिकरण ने पार्वती की जमीन पर आवासीय ‘लेआउट’ विकसित किया था।

इस विवादास्पद योजना में लेआउट बनाने के लिए अधिग्रहीत अविकसित भूमि के बदले में भूमि देने वाले को 50 प्रतिशत विकसित भूमि आवंटित करने की परिकल्पना की गई है।

शहरी विकास मंत्री बिरथी सुरेश ने कहा कि विपक्षी दलों के कई नेताओं या उनके परिवार के सदस्यों या रिश्तेदारों या दोस्तों या समर्थकों को भी वैकल्पिक भूखंड दिए गए हैं और उनमें केंद्रीय मंत्री एवं जद-एस के प्रदेश प्रमुख एच डी कुमारस्वामी, भाजपा के विधान परिषद सदस्य मंजे गौड़ा, जद-एस विधायक और पूर्व मंत्री जी टी देवेगौड़ा, भाजपा के विधान परिषद सदस्य और पूर्व मंत्री एच विश्वनाथ, पूर्व जद-एस विधायक एस आर महेश शामिल हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कह रहा हूं कि यह सब गलत तरीके से किया गया, यह कानून के अनुसार किया गया है, जैसा कि इस मामले में (मुख्यमंत्री की पत्नी को) भूखंड दिया गया है... हम ये दस्तावेज न्यायिक आयोग को देंगे और वह इन आवंटनों की जांच करेगा।’’

सुरेश ने कहा कि कुमारस्वामी ने हाल में यह कहते हुए और अधिक वैकल्पिक भूखंडों की मांग की है कि उनकी भूमि अधिग्रहीत की गई है। उन्होंने कहा कि इस पर विचार किया जा रहा है।

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