नयी दिल्ली, 21 नवंबर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बृहस्पतिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की और उनसे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अल्पावधि कृषि ऋण (एसएओ) की सीमा बढ़ाने को हस्तक्षेप का आग्रह किया।
नॉर्थ ब्लॉक में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा प्रस्तावित ऋण आवंटन में भारी गिरावट पर भी प्रकाश डाला, जिसने राज्य की 9,162 करोड़ रुपये की आवेदन सीमा के मुकाबले केवल 2,340 करोड़ रुपये ही स्वीकृत किए है। यह पिछले वर्ष के 5,600 करोड़ रुपये की तुलना में 58 प्रतिशत कम है।
सिद्धरमैया ने विस्तृत जानकारी देते हुए इस बात पर जोर दिया कि कर्नाटक का लक्ष्य 2024-25 में 35 लाख किसानों को 25,000 करोड़ रुपये का अल्पकालिक कृषि ऋण वितरित करना है। 2023-24 में राज्य पहले ही सहकारी ऋण ढांचे के माध्यम से 22,902 करोड़ रुपये वितरित कर चुका है।
राज्य सरकार के अनुसार, एसएओ ऋण सीमा में भारी कटौती से कृषि सहयोग में काफी बाधा आ सकती है और संभावित रूप से खाद्यान्न उत्पादन बाधित हो सकता है। नाबार्ड ने इस कमी का कारण भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से मिलने वाली सामान्य ऋण सीमा में कमी को बताया है।
कर्नाटक में अनुकूल मानसून की स्थिति से किसान अपनी कृषि गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए ऋण वितरण में वृद्धि का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
सिद्धरमैया ने सीतारमण से अनुरोध किया कि वह नाबार्ड और आरबीआई को अल्पावधि कृषि ऋण सीमा पर पुनर्विचार करने और उसे बढ़ाने का निर्देश दें।
कर्नाटक के शहरी विकास मंत्री बिरथी सुरेश और कृषि मंत्री चेलुवरायस्वामी भी मुख्यमंत्री के साथ मौजूद रहे।
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