नयी दिल्ली, 23 सितंबर उच्चतम न्यायालय की निवर्तमान वरिष्ठ महिला न्यायाधीश न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी ने शुक्रवार को उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में और अधिक महिलाओं को शीर्ष न्यायपालिका में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त किया जाएगा।
शीर्ष अदालत की पांचवीं वरिष्ठतम न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी चार साल से अधिक समय तक पद पर रहने के बाद सेवानिवृत्त हो रही हैं।
न्यायमूर्ति बनर्जी उच्चतम न्यायालय में नियुक्त होने वाली आठवीं महिला न्यायाधीश थीं। अब उनकी सेवानिवृत्ति के साथ ही, शीर्ष अदालत में महिला न्यायाधीशों की संख्या फिलहाल तीन रह जाएंगी, जिनमें न्यायमूर्ति हिमा कोहली, न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी शामिल हैं।
छब्बीस जनवरी, 1950 को अस्तित्व में आई शीर्ष अदालत में पिछले 72 वर्षों में केवल 11 महिला न्यायाधीशों की नियुक्ति हुई है। पहली महिला न्यायाधीश के तौर पर न्यायमूर्ति एम फातिमा बीवी की नियुक्ति 1989 में हुई थी।
शीर्ष अदालत में नियुक्त अन्य महिला न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति सुजाता वी मनोहर, न्यायमूर्ति रूमा पाल, न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा, न्यायमूर्ति रंजना पी देसाई, न्यायमूर्ति आर. भानुमति और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा शामिल थीं।
अपने अंतिम कार्य दिवस पर, न्यायमूर्ति बनर्जी ने भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) उदय उमेश ललित के साथ रस्मी पीठ साझा की। न्यायमूर्ति ललित ने उनके दो दशक लंबे करियर में न्यायपालिका में उनके योगदान की प्रशंसा की।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “हम सभी को न्यायमूर्ति बनर्जी की कमी खलेगी। बीस साल के न्यायिक करियर में उन्होंने सब कुछ दिया है। उनमें हर वह गुण है, जो एक न्यायाधीश में होना चाहिए। पीठ में हमें उनकी कमी बहुत खलेगी और निश्चित तौर पर वह हमेशा हमारे दिलों में रहेंगी। हम आपके सुखद भविष्य की कामना करते हैं।’’
न्यायमूर्ति बनर्जी ने शीर्ष अदालत में अपने पहले दिन को याद करते हुए कहा कि यह उसी दिन की तरह लग रहा है, जब वह सात अगस्त, 2018 को न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) दीपक मिश्रा के साथ पीठ साझा कर रही थीं।
उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा, "मुझे उम्मीद है कि भविष्य में और भी महिलाएं (शीर्ष न्यायपालिका में) होंगी...आशा है कि कमजोरों को सहयोग मिलेगा और कम से कम समय में समानता और न्याय होगा। आप सभी का धन्यवाद।’’
न्यायमूर्ति बनर्जी के सेवानिवृत्त होने से शीर्ष अदालत में सेवारत न्यायाधीशों की संख्या घटकर 29 हो जाएगी, जबकि सीजेआई सहित न्यायाधीशों की कुल स्वीकृत संख्या 34 है।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन शाम को न्यायमूर्ति बनर्जी के लिए औपचारिक विदाई समारोह आयोजित करेगा।
संविधान के अनुसार, उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं।
अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, एससीबीए अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने न्यायमूर्ति बनर्जी को उनके कार्यालय में अंतिम दिन भावभीनी विदाई दी।
वेणुगोपाल ने कहा, "पीठ में हमारे पास बहुत कम महिला न्यायाधीश हैं और यह बहुत दुखद है कि उनमें से एक को हम खो रहे हैं।"
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