जरुरी जानकारी | हिंडनबर्ग के कारोबार समेटने की खबर के बाद अदाणी की कंपनियों के शेयरों में उछाल

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. अदाणी समूह के खिलाफ अभियान चलाकर अंतरराष्ट्रीय हलचल मचाने वाली शोध-निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने की सूचना के बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में बृहस्पतिवार को तेजी आई। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अदाणी समूह की कंपनियों का बाजार मूल्यांकन अरबों डॉलर घट गया था। हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नैट एंडरसन ने कंपनी बंद करने की घोषणा की है।

नयी दिल्ली, 16 जनवरी अदाणी समूह के खिलाफ अभियान चलाकर अंतरराष्ट्रीय हलचल मचाने वाली शोध-निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने की सूचना के बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में बृहस्पतिवार को तेजी आई। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अदाणी समूह की कंपनियों का बाजार मूल्यांकन अरबों डॉलर घट गया था। हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नैट एंडरसन ने कंपनी बंद करने की घोषणा की है।

बीएसई पर एनडीटीवी के शेयर में 9.15 प्रतिशत, अंबुजा सीमेंट्स में 3.88 प्रतिशत, अदाणी ग्रीन एनर्जी में 3.35 प्रतिशत, सांघी इंडस्ट्रीज में 3.34 प्रतिशत तथा अदाणी पावर में 2.45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।

अदाणी पोर्ट्स (2.03 प्रतिशत), अदाणी टोटल गैस (1.78 प्रतिशत), अदाणी एंटरप्राइजेज (1.74 प्रतिशत), अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस (1.54 प्रतिशत) और एसीसी (0.77 प्रतिशत) भी बढ़त में रहे। हालांकि, अदाणी विल्मर के शेयर में 1.19 प्रतिशत की गिरावट आई।

सत्र के दौरान एनडीटीवी का शेयर 15.59 प्रतिशत, अदाणी पावर 9.21 प्रतिशत, अदाणी ग्रीन एनर्जी 8.86 प्रतिशत, अदाणी एंटरप्राइजेज 7.72 प्रतिशत, अदाणी टोटल गैस 7.10 प्रतिशत और अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस का शेयर 6.63 प्रतिशत तक चढ़ गया था।

कारोबार के दौरान अदाणी पोर्ट्स का शेयर 5.48 प्रतिशत चढ़ा था, जबकि अंबुजा सीमेंट्स का 4.55 प्रतिशत, एसीसी का 4.14 प्रतिशत, सांघी इंडस्ट्रीज का शेयर 3.77 प्रतिशत और अदाणी विल्मर का शेयर 0.54 प्रतिशत तक चढ़ गया था।

समूह की सभी 11 कंपनियों का संयुक्त बाजार मूल्यांकन 12.92 लाख करोड़ रुपये रहा।

साल 2017 में हिंडनबर्ग की शुरुआत करने वाले 40 वर्षीय एंडरसन ने यह घोषणा डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण से कुछ ही दिन पहले की है।

हालांकि, उन्होंने अपने निर्णय के पीछे ‘कार्य की गहन और कभी-कभी सर्वव्यापी’ प्रकृति को कारण बताया है। हालांकि, आलोचकों ने जॉर्ज सोरोस के साथ हिंडनबर्ग के कथित संबंधों को बंद करने और तथाकथित ‘डीप स्टेट’ पर आने वाले ट्रंप प्रशासन के भारी दबाव को जोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

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