देश की खबरें | जमीन के बदले नौकरी घोटाला: सीबीआई ने तेजस्वी यादव के निकट सहयोगी से की पूछताछ
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के निजी सचिव से रेलवे में कथित तौर पर जमीन के बदले नौकरी घोटाले के संबंध में पूछताछ की। यह कथित घोटाला तेजस्वी यादव के पिता लालू प्रसाद के मंत्री रहने के दौरान का है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के निजी सचिव से रेलवे में कथित तौर पर जमीन के बदले नौकरी घोटाले के संबंध में पूछताछ की। यह कथित घोटाला तेजस्वी यादव के पिता लालू प्रसाद के मंत्री रहने के दौरान का है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई द्वारा तेजस्वी के पिता लालू प्रसाद, मां राबड़ी देवी और बहन मीसा भारती के खिलाफ मामले में आरोपपत्र दाखिल करने के एक दिन बाद संजय यादव को शनिवार को एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए तलब किया गया था।
उन्होंने कहा कि संजय यादव को पहले भी तलब किया गया था, लेकिन उन्होंने सीबीआई के नोटिस को दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती दी थी। अधिकारियों ने बताया कि संजय यादव ने 2015 में तेजस्वी के उप मुख्यमंत्री रहने के दौरान भी उनके निजी सचिव के तौर पर काम किया था।
अधिकारियों ने बताया कि संजय सुबह यहां एजेंसी मुख्यालय पहुंचे जहां उनसे पूछताछ की जा रही है।
सीबीआई की विशेष अदालत में दायर आरोपपत्र में एजेंसी ने प्रसाद की बेटी मीसा भारती, पूर्व महाप्रबंधक, मध्य रेलवे, सौम्या राघवन, रेलवे के पूर्व सीपीओ कमल दीप मैनराय, सब्सिट्यूट के तौर पर नियुक्त सात उम्मीदवारों और चार निजी व्यक्तियों को भी नामजद किया है।
सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जांच के दौरान, यह पाया गया है कि आरोपियों ने तत्कालीन महाप्रबंधक मध्य रेलवे और सीपीओ, मध्य रेलवे के साथ साजिश में लोगों को अपने नाम पर या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर जमीन के बदले में सब्सिट्यूट के तौर पर रखा था।’’
उन्होंने कहा कि एजेंसी ने अन्य संदिग्धों के संबंध में जांच को खुला रखा है। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह जमीन मौजूदा सर्किल रेट से कम और बाजार दर से काफी कम कीमत पर ली गई थी। यह भी आरोप लगाया गया था कि उम्मीदवारों ने झूठी टीसी का इस्तेमाल किया है और रेल मंत्रालय को झूठे प्रमाणित दस्तावेज जमा किए।’’
जांच के दौरान, एजेंसी ने दावा किया कि प्रसाद के केंद्रीय रेल मंत्री रहने के दौरान के तत्कालीन शिविर कार्यालय 10 सर्कुलर रोड, पटना से एक हार्ड डिस्क मिली है, जिसमें उनके कार्यकाल के दौरान रेलवे में रखे गए 1458 उम्मीदवारों की सूची थी।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि पटना, बिहार के निवासियों को रेलवे के विभिन्न जोन में ग्रुप-डी पदों पर 'सब्सिट्यूट' के रूप में नियुक्त किया गया था, जिन्हें 2004-09 की अवधि के दौरान नियमित किया गया।
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