Jharkhand Ropeway Accident: वायुसेना के हेलिकॉप्टरों ने 10 और लोगों को सुरक्षित निकाला
झारखंड के देवघर जिले में त्रिकूट पहाड़ियों को जोड़ने वाली केबल कार में करीब 40 घंटे तक हवा में फंसे 15 पर्यटकों में से दस को वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने सुरक्षित निकाल लिया. वायुसेना के हेलीकॉप्टरों का बचाव अभियान मंगलवार को सुबह फिर से शुरू हुआ.
देवघर (झारखंड), 12 अप्रैल : झारखंड (Jharkhand) के देवघर जिले में त्रिकूट पहाड़ियों को जोड़ने वाली केबल कार में करीब 40 घंटे तक हवा में फंसे 15 पर्यटकों में से दस को वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने सुरक्षित निकाल लिया. वायुसेना के हेलीकॉप्टरों का बचाव अभियान मंगलवार को सुबह फिर से शुरू हुआ. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. रविवार की शाम चार बजे ट्रॉली कारों के आपस में टकराने के कारण रोपवे में खराबी आ जाने के बाद, हवा में लटकी केबल कारों से अब तक करीब 50 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. घटना में अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से एक पर्यटक सोमवार को हेलीकॉप्टर से बचाव के प्रयास के दौरान गिर गया था. हादसे में घायल हुए 12 लोगों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है. वायु सेना, सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा बचाव अभियान जारी है.
देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कहा, ‘‘त्रिकूट पर्वत पर रोपवे यात्रा के दौरान फंसे लोगों को वायुसेना और एनडीआरएफ की टीम सुरक्षित निकाल रही है. अब तक सात लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है.’’ भजंत्री ने कहा कि वायुसेना, सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और स्थानीय प्रशासन की टीम ने सुबह बचाव अभियान शुरू किया ताकि फंसे हुए लोगों को बचाया जा सके. सूर्यास्त के बाद बचाव अभियान को रोकना पड़ा क्योंकि रोपवे पहाड़ियों से घिरे घने जंगलों से होकर गुजरता है, जहां वायुमार्ग के अलावा दूसरे मार्ग से पहुंचना मुश्किल है. साथ ही जमीन से बचाव अभियान चलाना भी मुश्किल है क्योंकि ट्रॉलियां 1500 फुट तक की ऊंचाई पर लटकी हैं. इस बीच, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुर्घटना की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की और कहा कि प्रशासन बचाव अभियान पर कड़ी नजर रखे हुए है. सुरक्षित निकाले गए यात्रियों को वायु सेना के दो हेलीकॉप्टरों की मदद से ‘एयरलिफ्ट’ किया गया. यह भी पढ़ें : Jharkhand Ropeway Accident: 40 घंटे से हवा में लटकी कई जिंदगियां, 10 लोग अब भी फंसे, रेस्क्यू ऑपरेशन फिर शुरू
हवा में लटकी केबल कारों में फंसे लोगों को भोजन और पानी की आपूर्ति के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया. सोरेन ने कहा, ‘‘राज्य सरकार स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है.’’ झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने कहा, ‘‘विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल देवघर के त्रिकूट पर्वत पर बने रोपवे पर दुर्घटना बहुत दुखद और दर्दनाक है. मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और बाबा बैद्यनाथ से घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं.’’ भाजपा उपाध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने राज्य सरकार पर इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद भी निष्क्रिय रहने का आरोप लगाया और दावा किया था कि क्षेत्र के मंत्री मौके पर नहीं गए.
दास ने मृतक के परिजनों के लिए एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग करते हुए कहा, ‘‘राज्य सरकार को लोगों के जीवन की परवाह नहीं है. त्वरित निर्णय नहीं ले पाने के कारण यात्री रात भर हवा में लटके रहे.’’ क्षेत्र में प्रसिद्ध त्रिकुटाचल महादेव मंदिर और ऋषि दयानंद के आश्रम हैं. यहां त्रिकूट पहाड़ियों की कई चोटियां हैं, जिनमें सबसे ऊंची चोटी समुद्र तल से 2,470 फुट और जमीन से लगभग 1500 फुट की ऊंचाई पर है. झारखंड पर्यटन विभाग के अनुसार, त्रिकूट रोपवे भारत का सबसे ऊंचा रोपवे है. यह लगभग 766 मीटर लंबा है.