Kashmir University 20th Convocation Ceremony: प्राचीन ज्ञान खोजना विद्वानों का कर्तव्य है : राष्ट्रपति मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि देश में प्राचीन, मूल रूप से विकसित ज्ञान खोजना विद्वानों का दायित्व है. कश्मीर विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि नयी शिक्षा नीति भारतीय ज्ञान प्रणाली पर केंद्रित है. उन्होंने कहा, ‘‘नयी शिक्षा नीति भारतीय ज्ञान प्रणाली पर केंद्रित है.

President Draupadi Murmu (Photo Credits TW0

श्रीनगर, 11 अक्टूबर : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि देश में प्राचीन, मूल रूप से विकसित ज्ञान खोजना विद्वानों का दायित्व है. कश्मीर विश्वविद्यालय के 20वें दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि नयी शिक्षा नीति भारतीय ज्ञान प्रणाली पर केंद्रित है. उन्होंने कहा, ‘‘नयी शिक्षा नीति भारतीय ज्ञान प्रणाली पर केंद्रित है. झेलम नदी के किनारे बसे शहर को बचाने के लिए 1,200 साल पहले किए गए काम को आज हाइड्रोलिक इंजीनियरिंग के रूप में जाना जाता है. प्राचीन भारत में ऐसे कई उदाहरण हैं। यह मूल रूप से विकसित ज्ञान की खोज करना आज विद्वानों का दायित्व है.’’

केंद्र शासित प्रदेश के पहले दौरे पर आयीं राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने भाषण की शुरुआत ‘‘यी मौज काशीर’’ (ओ मां कश्मीर) से की, जिस पर वहां मौजूद लोगों ने तालियां बजायीं. उन्होंने कहा कि कश्मीर विश्वविद्यालय पर हजरतबल दरगाह का करम है. यह विश्वविद्यालय दरगाह के समीप स्थित है. राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय में महिला छात्रों की संख्या 55 फीसदी होने पर खुशी जतायी.

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह जानकर खुशी हुई कि कश्मीर विश्वविद्यालय में 55 फीसदी महिला छात्र हैं. यहां गोल्ड मेडलिस्ट छात्राएं 65 फीसदी हैं। महिलाएं देश का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। यह महिला नीत विकास की ओर एक बड़ा कदम है.’’

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि जिस तरीके से भारत ने जी20 का नेतृत्व किया है, उसकी दुनियाभर में प्रशंसा की गयी है. घाटी के श्रद्धेय सूफी संत शेख नूर-उद-दीन-वली के एक कश्मीरी मुहावरे ‘‘अन्न पोशी तेली येली वन पोशी’’ (इसका मतलब है कि जब तक वन रहेंगे तब तक अन्न रहेगा) का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि सतत विकास कश्मीर की विरासत का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि सही कहा गया है कि अगर धरती पर कहीं स्वर्ग है तो वह यहां है। उन्होंने कहा कि इसे बचाने की जिम्मेदारी युवाओं पर है.

कश्मीर विश्वविद्यालय के प्रतीक चिह्न के संदर्भ में राष्ट्रपति ने कहा कि इसमें ‘उपनिषद’ के तीन शब्द और कुरान की आयत का एक हिस्सा है. उन्होंने कहा कि दोनों ही अंधकार से प्रकाश की ओर जाने की बात करते हैं. इससे पहले, राष्ट्रपति ने यहां सेना मुख्यालय जा कर, शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी.

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