जरुरी जानकारी | आंकड़ों की गणना पद्धति में पूर्वाग्रहों को हटाना जरूरीः आरबीआई गवर्नर

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को कृत्रिम मेधा (एआई) एवं मशीन लर्निंग का इस्तेमाल बढ़ने से आंकड़ों की गणना-पद्धति (एल्गोरिद्म) में पूर्वाग्रहों को खत्म करने की जरूरत बतायी।

मुंबई, 28 जून भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को कृत्रिम मेधा (एआई) एवं मशीन लर्निंग का इस्तेमाल बढ़ने से आंकड़ों की गणना-पद्धति (एल्गोरिद्म) में पूर्वाग्रहों को खत्म करने की जरूरत बतायी।

दास ने केंद्रीय बैंक की तरफ से आयोजित 18वें सांख्यिकी दिवस सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में निष्कर्ष निकालने के लिए सांख्यिकी का इस्तेमाल एक पसंदीदा साधन के तौर पर लगातार बढ़ रहा है और यह क्षेत्र अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के संग्रह से आगे बढ़कर व्याख्या एवं निष्कर्ष निकालने पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है।

उन्होंने कहा कि नजरिये में आए इस बदलाव ने सांख्यिकी को अन्य प्रमुख विषयों का अभिन्न अंग बनने की छूट दी है। निर्णय निर्माण की दक्षता में सुधार और मानवीय ज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में उपयोगकर्ता के अनुभव को समृद्ध करने के लिए सांख्यिकीय तरीकों को अपनाने में कंप्यूटिंग की बढ़ी ताकत का तेजी से इ्स्तेमाल हो रहा है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा, "वर्ष 2025 का दुनिया भर में आधिकारिक सांख्यिकी संकलन के लिए विशेष महत्व रहने वाला है। वृहद-आर्थिक सांख्यिकी, खासकर राष्ट्रीय खातों और भुगतान संतुलन के संकलन के लिए वैश्विक प्रयासों से नए वैश्विक मानक सामने आने की उम्मीद है।"

उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की टीम इन घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रख रही है। उन्होंने कहा कि आरबीआई वैकल्पिक डेटा स्रोतों से अपेक्षाओं, भावना संकेतकों और नीति विश्वसनीयता वाले उपायों का विश्लेषण करने के लिए विशाल कंप्यूटिंग शक्ति और बढ़ती डिजिटल पहुंच का दोहन करने का प्रयास कर रहा है।

दास ने कहा कि संग्रहीत डिजिटल डेटा की मात्रा और भंडारण क्षमता में तेजी से वृद्धि हो रही है जिससे नए अवसरों के साथ नई चुनौतियां भी सामने आ रही हैं।

उन्होंने कहा, "अब ध्यान एआई और मशीन लर्निंग तकनीकों में क्षमता बढ़ाने और अव्यवस्थित डेटा का विश्लेषण करने पर है। इस दौरान नैतिक पहलुओं को भी ध्यान में रखने और एल्गोरिदम में पूर्वाग्रहों को खत्म करने की जरूरत है।"

रिजर्व बैंक ने कई क्षेत्रों में एआई और मशीन लर्निंग विश्लेषण को अपनाया है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक अब उच्च आवृत्ति और वास्तविक समय पर उपलब्ध डेटा की निगरानी एवं विश्लेषण के लिए अत्याधुनिक प्रणालियां विकसित करने का लक्ष्य बना रहा है।

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