विदेश की खबरें | गाजा में इजराइल का युद्ध फलस्तीनियों को ‘असहनीय पीड़ा’ दे रहा : संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

वोल्कर टर्क ने सोमवार को मानवाधिकार परिषद के मौजूदा सत्र के उद्घाटन के अवसर पर कहा, ‘‘तथ्य खुद ही बोलते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘शासन में बैठे सभी लोगों को गाजा में जो हो रहा है, उससे अवगत होने की जरूरत है। सभी प्रभावशाली लोगों को इस असहनीय पीड़ा को समाप्त करने के लिए इजराइल और हमास पर अधिकतम दबाव डालना चाहिए।’’

उन्होंने अपने व्यापक संबोधन में, ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते संघर्ष, अमेरिकी शुल्क (टैरिफ) के प्रभाव और चीन के मानवाधिकार रिकॉर्ड के साथ-साथ सूडान और यूक्रेन जैसे देशों में युद्ध एवं संघर्ष के बारे में भी चिंता जताई।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त गाजा में रक्तपात का मुद्दा नियमित रूप से उठाते रहे हैं और सशस्त्र फलस्तीनी चरमपंथियों द्वारा पकड़े गए इजराइली बंधकों की रिहाई का आह्वान किया है।

उन्होंने पश्चिम एशिया में हिंसा पर 47 सदस्यीय मानवाधिकार संगठन से कहा, ‘‘इजराइल के युद्ध के साधन और तरीके गाजा में फलस्तीनियों को भयानक, अमानवीय पीड़ा दे रहे हैं।’’

इजराइली अधिकारी अक्सर मानवाधिकार संगठन पर पूर्वाग्रह से प्रेरित होने का आरोप लगाते रहे हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने अमेरिका को परिषद की कार्यवाही से बाहर रखा है। अमेरिका इजराइल का शीर्ष सहयोगी है।

गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइल के सैन्य अभियान में 55,300 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं। मंत्रालय का कहना है कि मरने वालों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं।

ब्रसेल्स में चिकित्सा सहायता ‘चैरिटी डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ ने यूरोपीय संघ (ईयू) के नेताओं से अपील की कि वे गाजा की घेराबंदी को समाप्त करने के लिए इजराइल पर अपने प्रभाव का उपयोग करें।

महासचिव क्रिस्टोफर लॉकियर ने गाजा को ‘‘धरती पर नरक’’ के रूप में वर्णित किया और कहा कि लगभग दो वर्षों से निरंतर बमबारी ने ‘‘इस पट्टी को टूटे हुए अस्पतालों, सामूहिक कब्रों और वीरान, तबाह हो चुके क्षेत्र बदल दिया है।’’

मानवाधिकार प्रमुख ने यूक्रेन में हताहत नागरिकों की संख्या में वृद्धि को रेखांकित किया। उन्होंने सूडान में निष्पक्ष सुनवाई के बिना फांसी और ‘‘बच्चों के व्यापक यौन शोषण’’ की भी निंदा की।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बिना, टर्क ने अप्रैल में लगाए गए अमेरिकी टैरिफ की तुलना ‘‘जुए में लगाए जाने वाले दांव से की, जिसमें वैश्विक अर्थव्यवस्था आज हाशिए पर है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन व्यापार युद्ध की लहरें कम विकसित देशों को सुनामी की ताकत से प्रभावित करेंगी।’’ उन्होंने एशिया में निर्यातकों पर संभावित ‘‘विनाशकारी’’ प्रभाव और भोजन, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा की उच्च लागत की संभावना को लेकर आगाह किया।

टर्क ने गैर-नागरिकों के अमेरिका से निर्वासित किये जाने को लेकर चिंता व्यक्त की।

संयुक्त राष्ट्र में वित्त पोषण के मुद्दों के कारण परिषद का सत्र संक्षिप्त कर दिया गया है। परिषद नौ जुलाई तक चलने वाला है।

जिनेवा स्थित परिषद संयुक्त राष्ट्र का शीर्ष मानवाधिकार संगठन है।

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