विदेश की खबरें | इजराइली पुलिस ने पत्रकार के अंतिम संस्कार में शामिल भीड़ के साथ मारपीट की

पुलिस की यह कार्रवाई पूर्वी यरुशलम में फलस्तीनी राष्ट्रवाद के एक दुर्लभ नजारे के दौरान हुई। पूर्वी यरुशलम पवित्र शहर का हिस्सा है जिस पर इजराइल ने 1967 में कब्जा कर लिया था वहीं फलस्तीनी उसे अपनी राजधानी होने का दावा करते हैं।

अबू अकलेह के अंतिम संस्कार में हजारों लोग शामिल हुए। उनमें से कुछ लोग फलस्तीनी झंडे लहरा रहे थे और "फलस्तीन, फलस्तीन" के नारे लगा रहे थे।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अबू अकलेह की मृत्यु इजरायली बलों की गोलीबारी से हुई।

अंतिम संस्कार में शामिल कई लोगों ने फलस्तीन के समर्थन में नारे लगाए और बाद में उन्होंने फलस्तीनी राष्ट्रगान भी गाया।

प्रार्थना से पहले, दर्जनों लोगों ने ताबूत के साथ एक कैथोलिक चर्च तक पैदल मार्च करने की कोशिश की और इसी क्रम में उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई।

पुलिस ने दावा किया कि अंतिम संस्कार में शामिल लोग भड़काने वाले नारे लगा रहे थे। पुलिस के अनुसार उन लोगों ने नारेबाजी नहीं करने के सुरक्षाकर्मियों के निर्देश का पालन नहीं किया और पुलिस पर पथराव किया।

पुलिस ने कहा, "पुलिसकर्मियों को कार्रवाई करने के लिए बाध्य कर दिया गया।"

बाद में पुलिस ने परिवार को ताबूत कैथोलिक चर्च ले जाने की अनुमति दी जहां बड़ी संख्या में शोक मनाने वाले लोग एकत्र थे। कई घंटों बाद अकलेह को ‘ओल्ड सिटी’ के बाहर एक कब्रिस्तान में दफनाया गया।

इस बीच इजराइल की सेना ने कहा है कि अल जजीरा की पत्रकार के इस सप्ताह गोलीबारी में मारे जाने की घटना की शुरुआती जांच अनिर्णायक रही और यह पता नहीं चल पाया है कि उनकी मौत इजराइली गोलीबारी में हुई या फलस्तीनी गोलीबारी में हुई।

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