विदेश की खबरें | ईरान जिम्मेदार लोकतंत्र नहीं है, उसपर हथियार प्रतिबंध बढ़ाए जाएं : पोम्पिओ ने सुरक्षा परिषद से कहा
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से कहा कि ईरान ऑस्ट्रेलिया या भारत जैसा “एक जिम्मेदार लोकतंत्र नहीं है,” इसलिए तेहरान पर हथियार प्रतिबंधों की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र, एक जुलाई अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से कहा कि ईरान ऑस्ट्रेलिया या भारत जैसा “एक जिम्मेदार लोकतंत्र नहीं है,” इसलिए तेहरान पर हथियार प्रतिबंधों की अवधि बढ़ाई जानी चाहिए।
पोम्पिओ ने कहा कि ऐसा न करने पर ईरान रूस निर्मित लड़ाकू विमानों खरीदने के लिए स्वतंत्र हो जाएगा जो रियाद, नयी दिल्ली, रोम और वारसा को ईरान के निशाने पर ले आएगा।
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उन्होंने मंगलवार की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की डिजिटल बैठक में कहा, “पूर्व अमेरिकी प्रशासन द्वारा खामियों से भरा परमाणु करार करने की वजह से, विश्व के सबसे नृशंस आतंकवादी शासन पर लगाए गए हथियार प्रतिबंध की अवधि 18 अक्टूबर यानि अब से केवल चार महीने में समाप्त हो रही है।”
पोम्पिओ ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पास एक ही विकल्प है- या तो वह अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के पक्ष में खड़ा हो या संयुक्त राष्ट्र के मिशन का “विश्वासघात कर” ईरान पर हथियार प्रतिबंध समाप्त होने दे।
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उन्होंने कहा, “अगर आप कार्रवाई करने में विफल रहते हैं तो ईरान रूस निर्मित लड़ाकू विमान खरीदने के लिए स्वतंत्र हो जाएगा, जो 3,000 किलोमीटर तक के दायरे में हमला कर सकते हैं, जिससे रियाद, नयी दिल्ली, रोम और वारस ईरान के निशाने पर आ सकते हैं।’’
अमेरिका के शीर्ष राजनयिक ने कहा कि अगर हथियार प्रतिबंधों की अवधि बढ़ाई नहीं गई तो ईरान अंतरराष्ट्रीय पोत परिवहन को और जोखिम में डालने के लिए अपनी पनडुब्बियों के बेड़े बढ़ा लेगा और उसे हरमूज जलडमरूमध्य, फारस की खाड़ी और अरब सागर में नौवहन की स्वतंत्रता के लिए और खतरा बढ़ा देगा।
उन्होंने कहा, “ईरान पश्चिम एशिया की आर्थिक स्थिरता को जोखिम में डाल सकता है जो रूस और चीन जैसे राष्ट्रों के लिए खतरा उत्पन्न करेगा जो स्थिर ऊर्जा कीमतों पर निर्भर रहते हैं। ईरान हथियारों का दुष्ट सौदागार बन सकता है, वेनेजुएला से लेकर सीरिया से अफगानिस्तान तक संघर्षों को बढ़ावा देने के लिए हथियारों की आपूर्ति कर सकता है।”
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