
ईरानी न्यायपालिका की समाचार एजेंसी मिजान ने मंगलवार को फांसी पर लटकाये जाने की घोषणा की। एजेंसी ने यह भी कहा कि देश की शीर्ष अदालत ने इन दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा था।
इसमें बताया गया है कि आतंकवादियों को देश के पश्चिमी क्षेत्र में ईरान के अर्धसैनिक बल रिवोल्यूशनरी गार्ड के साथ संघर्ष के बाद हिरासत में लिया गया था। इस संघर्ष में तीन जवान और इस्लामिक स्टेट समूह के कई आतंकी मारे गए थे।
अधिकारियों ने बताया कि देश के पश्चिमी हिस्से में रिवोल्यूशनरी गार्ड के जवानों ने आतंकियों के ठिकाने को घेर लिया था और वहां से 50 मशीनगन समेत हथियारों का जखीरा बरामद किया था।
ईरान में फंदे से लटका कर मौत की सजा दी जाती है।
आतंकी समूह ने 2014 में स्वघोषित खलीफा के तहत सीरिया और इराक के बड़े भूभाग पर कब्जा कर लिया था, जहां से बाद में अमेरिका की अगुवाई वाली फौज ने उन्हें खदेड़ दिया था।
इस समूह ने इससे पहले जून 2017 में तेहरान में संसद और अयातुल्ला रूहोल्लाह खामैनी की कब्र पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें कम से कम 18 लोग मारे गए थे और 50 से अधिक घायल हो गए थे।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)