नयी दिल्ली, 15 मार्च उच्चतम न्यायालय ने मादक पदार्थ रोधी कानून के तहत दर्ज मामले में आरोपी एक व्यक्ति को अंतरिम जमानत दे दी क्योंकि वह जीवनरक्षक प्रणाली (वेंटिलेटर) पर है।
न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने आरोपी द्वारा दायर याचिका पर गुजरात सरकार को एक नोटिस जारी किया। पीठ ने कहा, ‘‘नोटिस जारी करें जिसका जवाब चार सप्ताह में देना है। याचिकाकर्ता को वेंटिलेटर पर रखा गया है और जेल अस्पताल में उनके इलाज के लिए पर्याप्त चिकित्सा सुविधा नहीं है...हम याचिकाकर्ता को अंतरिम जमानत पर रिहा करते हैं।”
पीठ ने कहा कि आरोपी को ऐसे नियमों व शर्तों के तहत अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है, जो निचली अदालत उचित समझे।
आरोपी की ओर से पेश वकील नमित सक्सेना ने कहा कि 10 किलोग्राम गांजा रखने को लेकर आरोपी स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस) के तहत आरोपों का सामना कर रहा है।
उन्होंने सर्वोच्च अदालत से कहा कि कि उनके मुवक्किल की तबीयत खराब है और वह फिलहाल वेंटिलेटर पर हैं।
पीठ गुजरात उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ सलीम मजोठी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। गुजरात उच्च न्यायालय ने सलीम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि उच्च न्यायालय ने मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखे बिना और याचिका खारिज कर दी।
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