
मुंबई, सात फरवरी नीतिगत ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती करने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निर्णय का स्वागत करते हुए बैंकिंग क्षेत्र के दिग्गजों ने शुक्रवार को कहा कि इस कदम से वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा तथा बजट में की गई घोषणाओं को बल मिलेगा।
बैंकरों ने संशोधित तरलता कवरेज अनुपात (एलसीआर) के कार्यान्वयन को एक वर्ष तक टालने की आरबीआई की घोषणा की भी सराहना की।
बैंकों के संगठन 'भारतीय बैंक संघ' (आईबीए) के चेयरमैन एम वी राव ने कहा, “बजट में घरेलू खपत को बढ़ाने और सरकारी पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए उपाय प्रस्तावित किए गए हैं लिहाजा आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में कटौती से वृद्धि को और बढ़ावा मिलेगा।”
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राव ने बयान में कहा कि रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती का फैसला अपेक्षा के अनुरूप ही है।
सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने कहा कि ब्याज दर घटाने के साथ सहजता का दौर शुरू करने का निर्णय समयानुकूल, प्रासंगिक और अच्छी तरह से स्पष्ट किया गया है।
उन्होंने नियामकीय मोर्चे पर भी बदलावों का स्वागत करते हुए कहा कि परिवर्तन को निर्बाध और गैर-विघटनकारी बनाने पर ध्यान देना स्वागत योग्य है।
शेट्टी ने कहा, “व्यापार निपटान चक्र की समीक्षा और बैंकों एवं भुगतान प्रणालियों में साइबर सुरक्षा को संबोधित करने से बेहतर मूल्य खोज, प्रतिभागियों का अधिक व्यापक आधार और डिजिटल बैंकिंग में विश्वास सुनिश्चित होगा।”
इण्डियन ओवरसीज बैंक के एमडी एवं सीईओ अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “अगले वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति दर में और कमी आने की उम्मीद है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है। हमारा मानना है कि रेपो दर कटौती से अर्थव्यवस्था, निवेश और उपभोक्ता मांग को बढ़ावा मिलेगा जिससे समग्र आर्थिक रफ्तार को बल मिलेगा।”
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