नयी दिल्ली, 3 अगस्त : सरकार ने मंगलवार को कहा कि भारत की रेमडेसिविर उत्पादन क्षमता अप्रैल माह के मध्य तक 38.8 लाख शीशी प्रति माह थी जो जून 2021 से बढ़ कर 122.49 लाख शीशी प्रति माह हो गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह भी बताया कि किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में एंटीवायरल दवा रेमडेसिविर की कमी नहीं है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान मरीजों के इलाज के लिए अप्रैल और मई 2021 में रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग अचानक बढ़ गई और बाजार में इसकी किल्लत हो गई. उन्होंने बताया कि रेमडेसिविर का उत्पादन बढ़ाने की जरूरत को देखते हुए भारत के औषधि महानियंत्रक ने इस दवा के लाइसेंसधारी निर्माताओं के 40 नए उत्पादन स्थलों को शीघ्रता से मंजूरी दी.
मांडविया ने बताया ‘‘इस पहल ने रेमडेसिविर उत्पादकों की संख्या बढ़ा दी. अप्रैल 2021 के मध्य में यह संख्या 22 थी जो अब 62 हो चुकी है. उन्होंने बताया कि देश की रेमडेसिविर उत्पादन क्षमता अप्रैल माह के मध्य तक 38.8 लाख शीशी प्रति माह थी जो जून 2021 से बढ़ कर 122.49 लाख शीशी प्रति माह हो गई. इसके अलावा दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन और रेमडेसिविर एपीआई (एक्टिव फर्मास्यूटिकल इन्ग्रेडियेन्ट) के निर्यात पर 11 अप्रैल 2021 से रोक लगा दी गई. मांडविया ने बताया कि फर्मास्यूटिकल विभाग और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने संयुक्त रूप से, रेमडेसिविर की किल्लत दूर करने और देश भर में स्वतंत्र तथा समुचित वितरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस दवा के उपलब्ध भंडार का आवंटन किया. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को रेमडेसिविर की करीब 29 लाख शीशियां नि:शुल्क दीं. यह भी पढ़ें :CBSE 10th Result 2021: केंद्रीय विद्यालयों के सभी छात्र हुए सफल तो विदेशी छात्रों का रिजल्ट भी 99.92% रहा, जानें अन्य शहरों के कैसे रहें नतीजे
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने बताया कि अब रेमडेसिविर की मांग में कमी आ गई है जिसे देखते हुए 14 जून 2021 से इसे निर्यात की निषिद्ध श्रेणी से हटा कर निर्यात की प्रतिबंधित श्रेणी में डाल दिया गया है. उन्होंने बताया कि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को ‘‘कोविड-19 की दवाओं के बफर स्टॉक के प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश’’ जारी किए गए हैं और उन्हें रेमडेसिविर तथा अन्य दवाओं का बफर स्टॉक रखने को कहा गया है ताकि भविष्य में अगर जरूरत पड़ती है तो दवाओं की किल्लत न हो. मांडविया ने कहा ‘‘आज की तारीख में किसी भी केंद्रशासित प्रदेश या राज्य में रेमडेसिविर की कमी नहीं है.’’