जरुरी जानकारी | दिसंबर में भारत का पाम तेल आयात 29 प्रतिशत घटकर 5.44 लाख टन पर
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नयी दिल्ली, 12 जनवरी खाद्य तेल निकाय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने बुधवार को कहा कि भारत का पाम तेल आयात दिसंबर, 2021 में 29.15 प्रतिशत घटकर 5.44 लाख टन रह गया, लेकिन इसके साथ ही आरबीडी पामोलिन का आयात बढ़ने से घरेलू रिफाइनरियों के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है।
दुनिया के प्रमुख वनस्पति तेल खरीदार देश भारत ने दिसंबर 2020 में 7,68,392 टन पाम तेल का आयात किया था। दिसंबर, 2021 में पाम तेल का आयात घटकर 5,44,343 टन रह गया।
दिसंबर, 2021 में देश का कुल वनस्पति तेल आयात 10 प्रतिशत घटकर 12.26 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 13.56 लाख टन था।
देश के कुल वनस्पति तेल आयात में पाम तेल का हिस्सा 60 प्रतिशत से अधिक है।
एसईए के अनुसार, आरबीडी पामोलिन के आयात में वृद्धि हुई है जिससे घरेलू रिफाइनर प्रभावित होंगे। आारबीडी पामोलीन पर आयात शुल्क में कमी के बाद आरबीडी पामोलिन और कच्चे पाम तेल (सीपीओ) की कीमतों में भारी असमानता है।
एसईए ने कहा कि सीपीओ पर आयात शुल्क में एक साथ कमी किए बिना (रिफाइंड) पामोलिन पर प्रभावी आयात शुल्क को 19.25 प्रतिशत से घटाकर 13.75 प्रतिशत करने से सीपीओ के बजाय रिफाइंड पामोलिन के आयात में वृद्धि होने की संभावना है। घरेलू रिफाइनर के लिए सीपीजो कच्चा माल है।’’
एसईए ने कहा कि चूंकि मार्च, 2022 तक आरबीडी पामोलिन को कम शुल्क पर स्वतंत्र रूप से आयात करने की अनुमति दी गई है, इसलिए जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान लगभग 10 से 12 लाख टन आरबीडी पामोलिन का आयात होने की उम्मीद है जिससे सीपीओ का आयात प्रभावित होगा। सीपीओ के प्रसंस्करण में 6,000 से 8,000 रुपये प्रति टन का खर्च आता है। इस स्थिति के कारण प्रस्करणकर्ता कंपनियों को अपनी रिफाइनरियां बंद करनी पड़ सकती हैं।
एसईए के आंकड़ों से पता चलता है कि पाम तेल उत्पादों में, सीपीओ का आयात दिसंबर, 2021 में 29.59 प्रतिशत घटकर 5.28 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले की अवधि में 7.48 लाख टन था।
क्रूड पाम कर्नेल ऑयल (सीपीकेओ) का आयात भी एक साल पहले की समान अवधि के 19,486 टन से गिरकर 13,800 टन रह गया।
हालांकि, दिसंबर 2021 में आरबीडी पामोलिन का आयात बढ़कर 24,000 टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 900 टन था।
हल्के तेलों में सोयाबीन तेल का आयात पिछले साल दिसंबर में 21.57 प्रतिशत बढ़कर 3.92 लाख टन हो गया, जो दिसंबर, 2020 में 3.22 लाख टन था।
इसी तरह दिसंबर, 2021 में सूरजमुखी तेल का आयात 10 प्रतिशत बढ़कर 2.58 लाख टन हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 2.34 लाख टन था।
एसईए के अनुसार, एक जनवरी तक खाद्य तेलों का स्टॉक 5.80 लाख टन अनुमानित था और लगभग 11.40 लाख टन पाइपलाइन में था।
भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल का आयात करता है, और अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल सहित कच्चे नरम तेल का छोटी मात्रा में आयात करता है। सूरजमुखी का तेल यूक्रेन और रूस से आयात किया जाता है।
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