नयी दिल्ली, चार जनवरी ओलंपिक में भारत के लिए व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले इकलौते खिलाड़ी और निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने तोक्यो ओलंपिक में पदकों के मामले में देश के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की उम्मीद जाताते हुए कहा कि हर खिलाड़ी को पदक की ‘वास्तविक’ उम्मीद के तौर पर देखा जाना चाहिए।
इन खेलों में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2012 में लंदन में जीते गए छह पदक हैं।
बिंद्रा ने व्यापारियों के ‘चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री’ द्वारा आयोजित एक वेबिनार के दौरान सोमवार को कहा, ‘‘ कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के कारण मुश्किल समय में भी तोक्यो ओलंपिक में हम पदकों के मामले में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ खेल की पटकथा पहले नहीं लिखी जा सकती है लेकिन मुझे उम्मीद है कि हम अपने सर्वश्रेष्ठ पदक (संख्या) के साथ वापस आएंगे और इसका मतलब है कि हम पांच-छह पदक से ज्यादा लाएंगे और लंदन से बेहतर करेंगे। अगर मैं गलत नहीं हूं तो वह हमारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।’’
बीजिंग खेलों (2008) में देश का पहला और एकमात्र व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने वाले बिंद्रा को जापान की राजधानी में भारतीय निशानेबाजी दल से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि उनमें से प्रत्येक के पास अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की क्षमता है, उन्होंने पिछले दो-तीन वर्षों में खुद को साबित किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ सिर्फ निशानेबाजी में नहीं बल्कि अन्य खेलों में भी पदक की उम्मीदें है। हमारे पास कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिनसे तोक्यो में पदक की उम्मीद की जा सकती है। बहुत कुछ हालांकि उस विशेष दिन के प्रदर्शन पर भी निर्भर करता है।’’
इस राइफल निशानेबाज कहा कि 22 साल पहले जब उन्होंने निशानेबाजी में हाथ आजमाना शुरू किया तब से स्थितियां अब काफी बदल गयी है।
उन्होंने कहा, ‘‘ निशानेबाजी में अब बड़ी संख्या में युवा भाग ले रहे है लेकिन जब मैं बड़ा हो रहा था तब मैं अपने से उम्र में बड़े और अनुभवी निशानेबाजों के साथ प्रतिस्पर्धा करता था। ’’
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