जरुरी जानकारी | भारतीय दवा कंपनियां दूसरों की प्रौद्योगिकी का नकल नहीं करतीं, बौद्धिक अधिकारों का सम्मानः गोयल

बर्न, 10 जून वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को भारतीय दवा कंपनियों द्वारा स्विस कंपनियों के उत्पादों की नकल करने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत बौद्धिक संपदा अधिकारों का सम्मान करता है और कभी भी दूसरों की प्रौद्योगिकी की नकल नहीं करता है।

स्विट्जरलैंड के आधिकारिक दौरे पर आए गोयल ने कहा कि स्विस दवा कंपनियों ने एक भी ऐसा उदाहरण नहीं दिखाया है कि भारतीय कंपनियों ने उनके किसी ट्रेडमार्क या पेटेंट या कॉपीराइट प्रौद्योगिकी की अवैध रूप से नकल की हो।

इस मुद्दे पर स्विस दवा कंपनियों की शिकायतों के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा, "मुझे एक भी मामला नहीं दिखाया गया। यह एक मिथक है जिसे वर्षों से प्रचारित किया जा रहा है।"

उन्होंने कहा, "भारत बौद्धिक संपदा अधिकारों (आईपीआर) का बहुत सम्मान करता है। भारत अपनी जिम्मेदारियों को लेकर बहुत सजग है और भारत कभी भी किसी और की प्रौद्योगिकी नहीं चुराता है।"

इसके साथ ही गोयल ने कहा कि भारत पेटेंट को हमेशा के लिए जारी रखने की अनुमति नहीं देता है। दुर्भाग्य से ऐसी कुछ कंपनियां हैं जो बहुत मामूली फेरबदल कर पेटेंट की अवधि बढ़ाने की कोशिश करती हैं।

गोयल ने कहा, "अब इसकी वजह से स्विस लोग भी सस्ती स्वास्थ्य सेवा से वंचित हो रहे हैं।... जब आप पेटेंट को हमेशा के लिए जारी रखते हैं, तो आप न केवल स्विट्जरलैंड में बल्कि दुनिया भर में अरबों नागरिकों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।"

मंत्रालय ने पहले भी कुछ कंपनियों द्वारा हल्के-फुल्के नवाचार कर दवाओं के पेटेंट हासिल करने के प्रयासों की आलोचना की है। भारतीय पेटेंट अधिनियम, 1970 की धारा तीन (डी) पहले से ज्ञात दवाओं के लिए पेटेंट को प्रतिबंधित करती है जब तक कि नए दावे प्रभावकारिता के मामले में बेहतर न हों।

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