सिंगापुर, 19 मई सिंगापुर में मादक पदार्थ तस्करी के मामले में भारतीय मूल का एक मलेशियाई व्यक्ति उच्च न्यायालय द्वारा आरोपों से बरी किए जाने से फांसी के फंदे से मुक्त हो गया।
स्ट्रेट टाइम्स की खबर के अनुसार पेशे से चालक मंगलागिरि ध्रुव कुमार (50) पर शांति कृष्णन नाम की एक महिला को हेरोइन भरा बैग देने का आरोप था।
न्यायाधीश वैलेरी थीन ने अपने फैसले में कहा कि वर्ष 2014 में मामले में मंगलागिरि द्वारा मादक पदार्थ पहुंचाए जाने में एकमात्र साक्ष्य शांति की गवाही है।
उन्होंने कहा कि लेकिन शांति की गवाही भरोसे लायक नहीं है क्योंकि वह लेन-देन के विभिन्न घटनाक्रमों को याद कर पाने में सक्षम नहीं है और उसकी गवाही 2014 में गिरफ्तारी के बाद अधिकारियों को दिए गए उसके बयानों के विपरीत है।
न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन द्वारा दिए गए पारिस्थितिजन्य साक्ष्यों से यह साबित नहीं होता कि मंगलागिरि ने ही शांति को मादक पदार्थ पहुंचाया था।
सिंगापुर के मादक पदार्थ नियंत्रण अधिकारियों ने 16 मई 2014 को शांति को गिरफ्तार किया था और उसके पास से 8,200 सिंगापुरी डॉलर बरामद किए थे। उन्होंने जैनुद्दीन मोहम्मद नाम के व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया था क्योंकि महिला ने मादक पदार्थ उसे दे दिया था।
अधिकारियों ने जैनुद्दीन के फ्लैट से 22.73 ग्राम हेरोइन बरामद की थी।
सिंगापुर के मादक पदार्थ नियंत्रण कानून के तहत तस्करी से प्राप्त हेरोइन की मात्रा 15 ग्राम से अधिक होने पर मृत्युदंड का प्रावधान है।
शांति और जैनुद्दीन को सितंबर 2016 में दोषी ठहराया गया था। शांति आजीवन कारावास की सजा काट रही है, जबकि जैनुद्दीन को फांसी दी जा चुकी है।
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