खेल की खबरें | सिंगापुर के खिलाफ पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलने पर ध्यान देगी भारतीय पुरुष हॉकी टीम
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Sports at LatestLY हिन्दी. पहले मैच में बड़ी जीत से उत्साहित भारतीय पुरुष हॉकी टीम एशियाई खेलों में मंगलवार को जब पूल ए के अपने दूसरे मैच में सिंगापुर से भिड़ेगी तो उसका लक्ष्य पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलने की अपनी दर में सुधार करना होगा।
हांगझोउ, 25 सितंबर पहले मैच में बड़ी जीत से उत्साहित भारतीय पुरुष हॉकी टीम एशियाई खेलों में मंगलवार को जब पूल ए के अपने दूसरे मैच में सिंगापुर से भिड़ेगी तो उसका लक्ष्य पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलने की अपनी दर में सुधार करना होगा।
स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार भारत ने अपने पहले मैच में उज़्बेकिस्तान को 16-0 से करारी शिकायत दी थी लेकिन हरमनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली टीम जानती है कि उसे किन क्षेत्रों में सुधार करना है।
विशेष कर जब पेनल्टी कार्नर की बात आती है तो भारतीय टीम ने कुछ अच्छे ड्रग फ्लिकर होने के बावजूद मौके गंवाए। इन खिलाड़ियों में हरमनप्रीत, वरुण कुमार, अमित रोहिदास और संजय शामिल हैं। हरमनप्रीत को पहले मैच में विश्राम दिया गया था।
इन खिलाड़ियों की मौजूदगी के बावजूद उज्बेकिस्तान के खिलाफ भारत 14 पेनल्टी कॉर्नर में से केवल पांच पर ही गोल कर पाया था। सिंगापुर के खिलाफ अगले मैच से पहले मुख्य कोच क्रेग फुल्टन के लिए यह चिंता का विषय होगा।
भारत के लिए अच्छी बात यह है कि हरमनप्रीत मंगलवार को मैच में खेलेंगे और उनके कौशल को देखते हुए पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलने का मुख्य जिम्मा उन्हीं का होगा।
उज्बेकिस्तान के खिलाफ भारत के लिए सकारात्मक पहलू उसकी अग्रिम पंक्ति का प्रदर्शन रहा। भारत में 16 में से 10 मैदानी गोल किए थे।
ललित उपाध्याय ने अग्रिम पंक्ति में शानदार खेल दिखाकर चार गोल दागे जबकि मनदीप सिंह ने तीन गोल किए।
मध्य पंक्ति में मनप्रीत सिंह, उप कप्तान हार्दिक सिंह और विवेक सागर प्रसाद अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखने की कोशिश करेंगे।
फुल्टन के लिए यह भी चिंता का विषय होगा कि उज्बेकिस्तान के खिलाफ उनकी रक्षा पंक्ति की खास परीक्षा नहीं हुई तथा गोलकीपर पीआर श्रीजेश और कृष्ण बहादुर पाठक के पास बमुश्किल ही गेंद पहुंची।
भारतीय टीम विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर है और यहां उसे शीर्ष वरीयता दी गई है। सिंगापुर की टीम विश्व रैंकिंग में 49वें स्थान पर है और इस अंतर को देखते हुए भारत को लगातार दूसरे मैच में बड़ी जीत दर्ज करनी चाहिए।
सिंगापुर को अपने पहले मैच में पाकिस्तान से 0-11 से करारी हार का सामना करना पड़ा था। उसकी टीम संतुलित नजर नहीं आती है। भारत ने सिंगापुर के खिलाफ आखिरी मैच 2012 में खेला था जिसमें उसने 15-1 से जीत दर्ज की थी।
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