ह्यूस्टन (अमेरिका), आठ दिसंबर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारतीय-अमेरिकी और ह्यूस्टन निवासी कृष्णा वविलाला को ‘प्रेसिडेंशियल लाइफटाइम अचीवमेंट (पीएलए)’ पुरस्कार से सम्मानित किया है। अपने समुदाय और देश में योगदान के लिए दिया गया यह सर्वोच्च सम्मान है।
‘अमेरीकॉर्प्स’ के नेतृत्व में दिया जाने वाला प्रेसिडेंशियल लाइफटाइम अचीवमेंट (पीएलए) अवार्ड्स, उच्च चरित्र, नैतिकता और अपने समुदाय के प्रति निष्ठा का प्रदर्शन करने वाले नागरिकों को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम है।
‘अमेरीकॉर्प्स’ अमेरिकी सरकार की एक एजेंसी है जिसमें कई क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के स्वयंसेवी कार्य कार्यक्रमों के माध्यम से 50 लाख से अधिक अमेरिकी सेवा करते है।
पिछले चार दशकों से ह्यूस्टन के निवासी 86 वर्षीय वविलाला को पिछले हफ्ते एक शानदार समारोह में उनकी आजीवन सेवा और उपलब्धियों के लिए ‘‘चेंज मेकर एंड ग्लोबल ह्यूमैनिटेरियन’’ कहकर सराहना की गई थी।
‘अमेरीकॉर्प्स’ की प्रमाणनकर्ता डॉ. सोनिया आर. व्हाइट ने वविलाला को आधिकारिक प्रेसीडेंशियल पुरस्कार प्रदान किया, जिसमें राष्ट्रपति बाइडन द्वारा हस्ताक्षरित व्हाइट हाउस की एक फ़्रेमयुक्त उद्घोषणा और पदक शामिल था।
वविलाला अपनी पत्नी प्रभात लक्ष्मी, दो बेटियों, मोनिका और अमांडा और चार पोते-पोतियों के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए।
मूल रूप से आंध्र प्रदेश के निवासी वविलाला एक सेवानिवृत्त इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं और वर्तमान में फाउंडेशन फॉर इंडिया स्टडीज (एफआईएस) के संस्थापक और अध्यक्ष हैं, जो 16 साल पुराना गैर-लाभकारी संगठन है, जिसकी अहम परियोजना ‘‘इंडो-अमेरिकन ओरल हिस्ट्री’’ है। परियोजना ने 2019 मैरी फे बारनेस अवार्ड जीता।
वाविलाला ने पीटीआई- से कहा, ‘‘मैं इस अप्रत्याशित सम्मान से बहुत अभिभूत हूं, जो वास्तव में ह्यूस्टन में भारतीयों के योगदान को मान्यता देता है।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)
पिछले चार दशकों से ह्यूस्टन के निवासी 86 वर्षीय वविलाला को पिछले हफ्ते एक शानदार समारोह में उनकी आजीवन सेवा और उपलब्धियों के लिए ‘‘चेंज मेकर एंड ग्लोबल ह्यूमैनिटेरियन’’ कहकर सराहना की गई थी।
‘अमेरीकॉर्प्स’ की प्रमाणनकर्ता डॉ. सोनिया आर. व्हाइट ने वविलाला को आधिकारिक प्रेसीडेंशियल पुरस्कार प्रदान किया, जिसमें राष्ट्रपति बाइडन द्वारा हस्ताक्षरित व्हाइट हाउस की एक फ़्रेमयुक्त उद्घोषणा और पदक शामिल था।
वविलाला अपनी पत्नी प्रभात लक्ष्मी, दो बेटियों, मोनिका और अमांडा और चार पोते-पोतियों के साथ कार्यक्रम में शामिल हुए।
मूल रूप से आंध्र प्रदेश के निवासी वविलाला एक सेवानिवृत्त इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं और वर्तमान में फाउंडेशन फॉर इंडिया स्टडीज (एफआईएस) के संस्थापक और अध्यक्ष हैं, जो 16 साल पुराना गैर-लाभकारी संगठन है, जिसकी अहम परियोजना ‘‘इंडो-अमेरिकन ओरल हिस्ट्री’’ है। परियोजना ने 2019 मैरी फे बारनेस अवार्ड जीता।
वाविलाला ने पीटीआई- से कहा, ‘‘मैं इस अप्रत्याशित सम्मान से बहुत अभिभूत हूं, जो वास्तव में ह्यूस्टन में भारतीयों के योगदान को मान्यता देता है।’’
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