देश की खबरें | भारत, अमेरिका उभरती रक्षा क्षमता पर जल्द वार्ता शुरू करेंगे

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. भारत और अमेरिका ने इस साल उभरती रक्षा क्षमता पर पहली वार्ता शुरू करने की योजना के साथ रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर बृहस्पतिवार को चर्चा की।

नयी दिल्ली, आठ सितंबर भारत और अमेरिका ने इस साल उभरती रक्षा क्षमता पर पहली वार्ता शुरू करने की योजना के साथ रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर बृहस्पतिवार को चर्चा की।

बृहस्पतिवार को भारत-अमेरिका ‘टू प्लस टू’ अंतर-सत्रीय बैठक और समुद्री सुरक्षा वार्ता के समापन पर इसकी घोषणा की गई। बुधवार को अंतर-सत्रीय बैठक के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में अवर सचिव (अमेरिका) वाणी राव और सहायक विदेश सचिव (दक्षिण और मध्य एशियाई मामले) डोनाल्ड लू और सहायक रक्षा सचिव (हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामले) एली रैटनर ने किया।

विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, ‘‘उन्होंने रक्षा क्षेत्र में नए और उभरते क्षेत्रों जैसे अंतरिक्ष, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और साइबर सुरक्षा सहित प्रमुख रक्षा साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।’’

एक अलग बयान में, अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता जॉन सपल ने कहा कि दोनों देशों के अधिकारियों ने द्विपक्षीय पहल पर सूचना-साझा करने, रक्षा औद्योगिक सहयोग और संयुक्त उपक्रमों में सहयोग पर प्रगति की भी समीक्षा की।

विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि बृहस्पतिवार को यहां आयोजित 5वीं भारत-अमेरिका समुद्री सुरक्षा वार्ता (एमएसडी) में, अधिकारियों ने वैश्विक समुद्री क्षेत्र में प्रगति, द्विपक्षीय समुद्री सहयोग प्रयास, क्षेत्रीय समर्थन पहल और समुद्री क्षेत्र को लेकर जागरूकता के लिए हिंद-प्रशांत भागीदारी के संबंध में चर्चा की।

बयान में कहा गया, ‘‘उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समुद्री सुरक्षा बढ़ाने और मुक्त, खुले और समावेशी समुद्री व्यवस्था की दिशा में सहयोग को मजबूत करने की अपनी साझा इच्छा की पुष्टि की जो सुरक्षा, समावेशी विकास और समृद्धि का समर्थन करेगी।’’

सपल ने कहा, ‘‘उन्होंने दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में क्षमता निर्माण गतिविधियों के समन्वय, साजो-सामान संबंधी सहयोग को गहरा करने और समुद्री क्षेत्र सहित चुनौतियों का समाधान करने के लिए नौसेनाओं के बीच सहयोग के संबंध में नए अवसरों की पहचान की।’’ विदेश मंत्रालय के अनुसार इस संवाद ने दक्षिण एशिया, हिंद महासागर क्षेत्र और हिंद-प्रशांत क्षेत्र से संबंधित क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान किया।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)

Share Now

\