नयी दिल्ली, 14 दिसंबर: भारत और अमेरिका के राजस्व अधिकारियों ने अवैध वित्त जोखिम कम करने के प्रयासों को गति देने और वर्चुअल संपत्तियों के लिए धनशोधन-रोधी मानकों के वैश्विक क्रियान्वयन में तेजी लाने के तरीकों पर चर्चा की है. राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा और अमेरिका के आतंकवाद एवं वित्तीय आसूचना विभाग के अवर सचिव ब्रायन नेल्सन ने 13 दिसंबर को यहां भारत-अमेरिका धनशोधन-रोधी (एएमएल) एवं आतंकवाद वित्तपोषण निषेध (सीएफटी) पर वार्ता की सह-अध्यक्षता की.
बृहस्पतिवार को जारी एक संयुक्त बयान के मुताबिक, इस विमर्श के दौरान प्रतिभागियों ने अवैध वित्त जोखिम कम करते हुए जिम्मेदार नवाचार को बढ़ावा देने के लिए वर्चुअल परिसंपत्तियों और इनके सेवा प्रदाताओं से जुड़े अनुभवों को लेकर चर्चा की. बयान के मुताबिक, ‘‘दोनों पक्षों ने वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की सिफारिशों के अनुरूप नियामकीय मध्यस्थता के मुद्दे के प्रभावी निपटान के लिए वर्चुअल संपत्तियों के लिए एएमएल/ सीएफटी मानकों के वैश्विक कार्यान्वयन में तेजी लाने की तत्काल जरूरत पर बल दिया.’’
प्रतिभागियों ने लाभकारी स्वामित्व में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए भारत और अमेरिका के प्रयासों पर चर्चा की. इसमें लाभकारी स्वामित्व रजिस्ट्री का क्रियान्वयन, आंकड़ों की गुणवत्ता में सुधार के साधन और सूचना का सत्यापन शामिल है. बयान के मुताबिक, धनशोधन और अन्य वित्तीय अपराधों से निपटने में यह एक महत्वपूर्ण कदम है. यह अधिकारियों को धन के प्रवाह का पता लगाने और इसके जिम्मेदार लोगों को चिह्वित करने की अनुमति देता है. भारत और अमेरिका इन चर्चाओं को आगे बढ़ाने और एफएटीएफ के भीतर एक साथ काम करने सहित द्विपक्षीय और बहुपक्षीय रूप से समन्वय और सहयोग बढ़ाने के लिए अगले साल फिर से वार्ता बुलाने पर सहमत हुए.
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