जयपुर, 25 अक्टूबर राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने शुक्रवार को कहा कि जीवंत संस्कृति वाले भारत ने विश्व को सार्वभौमिक समानता का पाठ पढ़ाया है।
यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘भारत जीवंत संस्कृति वाला राष्ट्र है। विश्व की बौद्धिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का मूल यही देश रहा है। भारत ने ही विश्वभर को ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के जरिए सार्वभौमिक समानता का पाठ पढ़ाया।’’
आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि आजादी के सौ साल पूरे होने का अवसर ‘भारत के उस गौरव को पुनः प्राप्त’ करने से जुड़ा है।
उन्होंने देश की समृद्ध ज्ञान परम्परा और अद्वितीय इतिहास से जुड़ी संस्कृति पर चिंतन-मनन कर भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास किए जाने का आह्वान किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत विश्व की आर्थिक और सांस्कृतिक महाशक्ति बनें। यह समय हमारी सांस्कृतिक और सभ्यतागत जड़ों की ओर लौटने से जुड़ा है।’’
बागडे ने प्राचीन भारत के वैश्विक व्यापार के केंद्र रहने की चर्चा करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ का दृष्टिकोण इसी संदर्भ में दिया है। यह प्रधानमंत्री के पंच प्रण- विकसित भारत, मानसिक उपनिवेशवाद के उन्मूलन, हमारी विरासत पर गर्व, नागरिकों की एकता और कर्तव्य से जुड़ा है। यही हमारी सभ्यता के मूल सिद्धांतों का स्वाभाविक विस्तार है।’’
पृथ्वी
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