देश की खबरें | भारत-जापान ने जलवायु परिवर्तन, हरित हाइड्रोजन पर चर्चा की

नयी दिल्ली, सात सितंबर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने मंगलवार को भारत और जापान के बीच पर्यावरण पर पहली उच्च स्तरीय नीति वार्ता में कहा कि दोनों देश संसाधन दक्षता, कम कार्बन उत्सर्जन प्रौद्योगिकी और हरित हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की संभावनाओं का पता लगा सकते हैं।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि डिजिटल तरीके से आयोजित वार्ता के दौरान वायु प्रदूषण, सतत प्रौद्योगिकियों और परिवहन, जलवायु परिवर्तन और समुद्री कचरा, फ्लोरोकार्बन और सीओपी 26 के मुद्दों पर भी चर्चा की गई।

बैठक केंद्रीय पर्यावरण मंत्री यादव और जापान के पर्यावरण मंत्री कोइजुमी शिनजिरो के बीच हुई थी।

मंत्रालय ने कहा कि भारत ने पर्यावरण पर भारत-जापान द्विपक्षीय सहयोग के महत्व को स्वीकार किया और भारत में नयी प्रौद्योगिकियों को लाने में जापान द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।

बैठक के दौरान, मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।

मंत्रालय के अनुसार यादव ने कहा कि भारत और जापान विशेष रूप से चक्रीय अर्थव्यवस्था और संसाधन दक्षता, कम कार्बन उत्सर्जन प्रौद्योगिकी, हरित हाइड्रोजन, अन्य के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की संभावनाओं का पता लगा सकते हैं।

मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, भारत पेरिस समझौते के लक्ष्यों को न केवल हासिल करने बल्कि उससे अधिक हासिल करने की राह पर है। भारत वैश्विक पर्यावरण चुनौतियों से निपटने के लिए नयी तकनीकों को लाने में जापान के प्रयासों की बहुत सराहना करता है।’’

कम कार्बन उत्सर्जन प्रौद्योगिकी पर जापान की विशेषज्ञता और प्रौद्योगिकी के मद्देनजर पर्यावरण मंत्री ने जापान से ‘लीडरशिप ग्रुप फॉर इंडस्ट्री ट्रांजिशन’ में शामिल होने पर विचार करने का भी अनुरोध किया, जो भारत और स्वीडन के नेतृत्व में एक वैश्विक पहल है।

बयान के अनुसार जापान के पर्यावरण मंत्री ने उल्लेख किया कि दोनों देश ज्वाइंडट क्रेडिट मेकेनिज्म (जेसीएम), कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेजीलियंस इंफ्रास्ट्रक्चर (सीडीआरआई) के माध्यम से द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत कर सकते हैं और जी20 द्वारा समर्थित क्षेत्रों, विशेष रूप से जलवायु, पर्यावरण और ऊर्जा पर सहयोग की संभावनाओं का पता लगा सकते हैं।

दोनों पक्ष पर्यावरण पर द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने और जेसीएम पर चर्चा को आगे बढ़ाने पर सहमत हुए।

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