भारत ने जासूसी के आरोप में पाक उच्चायोग के दो अधिकारियों को किया निष्कासित
भारत ने रविवार को जासूसी के आरोप में यहां पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अधिकारियों को देश में निषिद्ध करते हुए उन्हें 24 घंटे के अंदर देश छोड़कर जाने का आदेश दिया. विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तानी दूतावास के दोनों कर्मचारी दस्तावेज उपलब्ध कराने के बदले भारतीय रुपये और आईफोन देते हुए पकड़े गए.
नई दिल्ली, 31 मई: भारत ने रविवार को जासूसी के आरोप में यहां पाकिस्तानी उच्चायोग के दो अधिकारियों को देश में निषिद्ध करते हुए उन्हें 24 घंटे के अंदर देश छोड़कर जाने का आदेश दिया. विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी. आधिकारिक सूत्रों ने कहा आबिद हुसैन और मोहम्मद ताहिर नाम के दोनों कर्मचारियों को दिल्ली पुलिस ने उस वक्त गिरफ्तार किया जब वे रुपयों के बदले एक भारतीय नागरिक से भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों से संबंधित संवेदनशील दस्तावेज हासिल कर रहे थे.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "एक कूटनीतिक मिशन के सदस्य के तौर पर अपने दर्जे के अयोग्य गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में सरकार ने दोनों अधिकारियों को निषिद्ध घोषित किया है और उनसे 24 घंटे के अंदर देश छोड़कर जाने को कहा है." सूत्रों ने कहा कि अधिकारी पाकिस्तानी उच्चायोग की वीजा शाखा में काम करते हैं और पूछताछ के दौरान उन्होंने यह कबूल किया कि वे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिये काम करते हैं.
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वहीं इस्लामाबाद में एक बयान में वहां के विदेश विभाग ने भारत की कार्रवाई की निंदा करते हुए अपने दोनों कर्मियों पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उसने कहा, "पाकिस्तान बेबुनियादी भारतीय आरोपों को सिरे से खारिज करता है और भारतीय कार्रवाई की निंदा करता है जो कूटनीतिक रिश्तों को लेकर वियना संधि का स्पष्ट उल्लंघन है."
मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तानी उच्चायोग के प्रभारी को एक आपत्ति पत्र जारी कर भारत की सुरक्षा के खिलाफ इन दोनों अधिकारियों की गतिविधियों पर कड़ा विरोध दर्ज कराया गया है. विदेश मंत्रालय ने कहा, "पाकिस्तानी उच्चायोग से कहा गया है कि वह यह सुनिश्चित करें कि उनके कूटनीतिक मिशन का कोई व्यक्ति भारत के प्रति शत्रुवत गतिविधि या ऐसे किसी कृत्य में शामिल नहीं होना चाहिए जो उसके दर्जे के अनुकूल न हो."
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तानी दूतावास के दोनों कर्मचारी दस्तावेज उपलब्ध कराने के बदले भारतीय रुपये और आईफोन देते हुए पकड़े गए. सूत्रों ने कहा दोनों कर्मचारियों ने पहले खुद के भारतीय नागरिक होने का दावा किया और फर्जी आधार कार्ड भी दिखाये. ऐसा ही एक मामला अक्टूबर 2006 में भी सामने आया था.
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