
गुवाहाटी, 10 मई असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में भारत-बांग्लादेश सीमा पर सक्रिय रूप से निगरानी की जा रही है और पिछले 10 दिनों में कोई भी असामान्य गतिविधि नहीं हुई है।
शर्मा ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सीमा पर गश्त बढ़ा दी गई है।
उन्होंने कहा, “हमने पिछले 10 दिनों में सीमा पर कोई गतिविधि नहीं देखी है, हालांकि गश्त बढ़ा दी गई है।”
शर्मा ने कहा, “केंद्र सरकार हालांकि इस बारे में बेहतर तरीके से बता सकती है क्योंकि उनके पास इसका पता लगाने के लिए एक अलग तंत्र है।”
उन्होंने कहा कि सीमा पार से घुसपैठ इस क्षेत्र में एक बड़ा मुद्दा है और एजेंसियां अवैध अप्रवासियों को हिरासत में ले रही हैं, लेकिन उन्हें ‘देश में’ नहीं ला रही हैं।
शर्मा ने कहा कि घुसपैठियों को सीमा से ही उनके देश में ‘वापस धकेला’ जा रहा है।
उन्होंने कहा, “हम कानूनी प्रक्रिया से नहीं गुजरेंगे। हम उन्हें वापस नहीं लाएंगे, बल्कि उन्हें पड़ोसी देश के अधिकारियों को सौंप देंगे। ‘वापस भेजना’ कोई नई चीज नहीं है और किसी भी घुसपैठिए को देश में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।”
शर्मा ने कहा कि केंद्र ने रोहिंग्या समेत अवैध अप्रवासियों को गोलपारा में मटिया हिरासत केंद्र सहित देश के विभिन्न हिस्सों से निर्वासित किया है।
उन्होंने कहा, “जिन लोगों की पहचान विदेशियों के रूप में की गई है, उन्हें वापस भेज दिया गया है। मटिया हिरासत केंद्र में अब केवल 30-40 लोग ही बचे हैं।”
मटिया हिरासत केंद्र, अप्रवासियों को रखने के लिए देश के सबसे बड़े केंद्रों में से एक है।
उच्चतम न्यायालय ने फरवरी में असम सरकार को मटिया हिरासत केंद्र में बंद 63 विदेशियों के निर्वासन की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया था।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)