नयी दिल्ली, 2 अप्रैल : भारत और ऑस्ट्रेलिया ने आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए शनिवार को आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया टेक्सटाइल, चमड़ा, आभूषण और खेल उत्पादों समेत 95 फीसदी से अधिक भारतीय वस्तुओं के लिए अपने बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच प्रदान करेगा. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ऑस्ट्रेलिया के व्यापार, पर्यटन और निवेश मंत्री डैन टेहन ने एक ऑनलाइन समारोह में भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौते पर दस्तखत किए. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन भी मौजूद थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंधों के लिए वास्तव में एक अहम पल है. वहीं ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मॉरिसन ने कहा कि यह समझौता भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया के करीबी संबंधों को और भी गहरा बना देगा. इस अवसर पर वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यह समझौता द्विपक्षीय व्यापार को 27 अरब डॉलर से बढ़ाकर अगले पांच वर्षों में 45 से 50 अरब डॉलर तक पहुंचने में मददगार होगा. ऑस्ट्रेलिया इस समझौते के तहत पहले दिन से निर्यात के लगभग 96.4 प्रतिशत मूल्य पर भारत को शून्य शुल्क की पेशकश कर रहा है. इसमें ऐसे कई उत्पाद शामिल हैं, जिन पर वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में चार से पांच प्रतिशत का सीमा शुल्क लगता है. यह भी पढ़ें : Sri Lanka Crisis: श्रीलंका की मदद के लिए आगे आया भारत, खाद्य सहायता के रूप में शुरू की चावल की आपूर्ति
इस समझौते से टेक्साइटल और परिधान, चुनिंदा कृषि और मत्स्य उत्पादों, चमड़ा, जूते, फर्नीचर, खेल उत्पाद, आभूषण, मशीनरी, इलेक्ट्रिक सामान और रेलवे वैगन जैसे श्रम प्रधान क्षेत्रों को विशेष लाभ होगा. भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया 17वां सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है और ऑस्ट्रेलिया के लिए भारत नौंवा सबसे बड़ा साझेदार है. दोनों देशों के बीच 2021 में माल एवं सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार 27.5 अरब डॉलर था. 2021 में भारत से वस्तुओं का निर्यात 6.9 अरब डॉलर का था और आयात 15.1 अरब डॉलर था. भारत द्वारा ऑस्ट्रेलिया को निर्यात की जाने वाली वस्तुओं में प्रमुख रूप से पेट्रोलियम उत्पाद, टेक्सटाइल और परिधान, इंजीनियरिंग सामान, चमड़ा, रसायन, रत्न और आभूषण शामिल हैं. आयात में मुख्य रूप से कच्ची सामग्री, कोयला, खनिज और मध्यवर्ती सामान शामिल है.