देश की खबरें | भारत और अमेरिका एक दूसरे के साथ अपना भविष्य देखते हैं: अमेरिकी राजदूत

नयी दिल्ली, 11 जुलाई अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने बृहस्पतिवार को कहा कि आपस में जुड़ी दुनिया में “कोई भी युद्ध अब किसी से दूर नहीं है।”

गार्सेटी ने इस बात पर जोर दिया कि देशों को न सिर्फ शांति के लिए खड़ा होना चाहिए, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम भी उठाने चाहिए कि जो लोग शांतिपूर्ण तरीके से काम नहीं करते, उनकी युद्ध मशीनें “बे रोकटोक जारी नहीं रहें।”

राजदूत ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘और यही बात अमेरिका और भारत दोनों को मिलकर जानने की जरूरत है।’’

उन्होंने दिल्ली और वाशिंगटन के बीच एक मजबूत साझेदारी की भी वकालत की।

उनकी यह टिप्पणी यूक्रेन-रूस और इजराइल-गाजा सहित विश्व में चल रहे अनेक संघर्षों की पृष्ठभूमि में आई है।

यहां एक रक्षा समाचार सम्मेलन में अपने संबोधन में उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों को गहरा, प्राचीन और व्यापक बताया।

उन्होंने कहा, "आज जब हम अमेरिका-भारत रक्षा साझेदारी को देखते हैं तो मुझे लगता है कि यह अपने चरम पर गया है।"

यह कार्यक्रम यहां ‘यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन’ (यूएसआई) में आयोजित किया गया था और इसमें कई रक्षा विशेषज्ञों ने भाग लिया था।

गार्सेटी ने कहा, “हम सिर्फ अपना भविष्य भारत में नहीं देखते और भारत केवल अपना भविष्य अमेरिका में नहीं देखता, बल्कि दुनिया हमारे संबंधों में बड़ी चीजें देख सकती है।”

उन्होंने कहा, “दूसरे शब्दों में, ऐसे देश हैं जो उम्मीद कर रहे हैं कि ये रिश्ते कामयाब हों क्योंकि अगर ये कामयाब होते हैं, तो यह केवल एक प्रतिसंतुलन नहीं बनेगा बल्कि यह एक ऐसा स्थान बन जाता है जहां हम साथ मिलकर अपने हथियार विकसित कर रहे हैं, साथ मिलकर अपने प्रशिक्षण को एकीकृत कर रहे हैं।”

राजदूत ने कहा कि आपात स्थिति में, चाहे वह प्राकृतिक आपदा हो या मानव-जनित युद्ध हो, "अमेरिका और भारत एशिया और दुनिया के अन्य भागों में आने वाली समस्याओं के खिलाफ एक शक्तिशाली अवरोधक साबित होंगे।"

उन्होंने कहा, “ हम सभी जानते हैं कि हम दुनिया में एक दूसरे से जुड़े हुए हैं, अब कोई युद्ध किसी से दूर नहीं है। हमें सिर्फ शांति के लिए खड़े नहीं होना चाहिए बल्कि हमें यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए कि जो लोग शांतिपूर्ण नियमों का पालन नहीं करते, उनकी युद्ध मशीनें बेरोकटोक जारी न रह सकें। यह बात अमेरिका और भारत दोनों को जाननी चाहिए।”

अपने संबोधन में उन्होंने जून 2023 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा का भी जिक्र किया।

भारत-अमेरिका के बीच समानता के विभिन्न क्षेत्रों और इनकी संभावनाओं को रेखांकित करते हुए राजदूत ने कहा, "भारत अपना भविष्य अमेरिका के साथ देखता है, अमेरिका अपना भविष्य भारत के साथ देखता है।"

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