गोंडा (उप्र), 28 अगस्त गोंडा जिले में एक सरकारी अस्पताल में जन्मे नवजात शिशु को किसी जानवर द्वारा निवाला बनाए जाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। इस मामले में जिलाधिकारी ने सख्ती दिखाते हुए जांच समिति का गठन किया है, वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने भी एक जांच समिति बनाई है।
इस बीच, पीड़ित की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्चे के शव का पंचनामा करवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
पुलिस के अनुसार, जिले के धानेपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बछईपुर निवासी सिराज अहमद की पत्नी सायरा बानो को प्रसव पीड़ा के कारण शनिवार की देर रात करीब 10 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुजेहना में भर्ती कराया गया था। रविवार को तड़के करीब तीन बजे महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया, जिसकी सांसें न के बराबर चल रही थीं। इस बीच, ड्यूटी पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने नवजात शिशु को ऑक्सीजन पर रखने की बात कहते हुए दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया और परिजनों को वहां से बाहर कर दिया।
परिजनों ने आरोप लगाया कि सुबह स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें बताया कि नवजात की मौत हो गई है। परिजनों ने जब शिशु को देखा तब पता चला कि उसे किसी जानवर ने अपना निवाला बनाया था। उन्होंने तत्काल घटना के बारे में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को जानकारी दी और स्थानीय पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
प्रभारी निरीक्षक संजय गुप्ता ने बताया कि बछईपुर थाना धानेपुर निवासी महिला के भाई हारून ने रात्रि ड्यूटी पर तैनात अस्पताल कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। मामले में कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
इस बीच, जिलाधिकारी डॉ उज्ज्वल कुमार ने घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार की अगुवाई में दो सदस्यीय जांच समिति गठित करते हुए मामले में रविवार को ही रिपोर्ट तलब की है। जांच टीम के एक अन्य सदस्य के रूप में सीएमओ शामिल हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि यह बहुत ही जघन्य घटना है। प्रकरण की जांच कराकर दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस बीच मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रश्मि वर्मा ने भी अपने स्तर से दो सदस्यीय जांच टीम गठित करके तत्काल रिपोर्ट तलब की है। डॉ वर्मा ने ‘पीटीआई-’ को बताया कि डीएम द्वारा गठित समिति के सदस्य के रूप में वह स्वयं जांच करने जा रही हैं। इसके अलावा, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी की दो सदस्यीय टीम गठित करते हुए पूरे प्रकरण की गहनता से जांच कर विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
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