विदेश की खबरें | इमरान खान की पार्टी को इस्लामाबाद में रैली आयोजित करने की अनुमति नहीं मिली

Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. पाकिस्तान के प्राधिकारियों ने आठ फरवरी के आम चुनाव में कथित धांधली के खिलाफ इस्लामाबाद में विरोध रैली आयोजित करने के पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के अनुरोध को रविवार को सुरक्षा कारणों से खारिज कर दिया।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

इस्लामाबाद, 24 मार्च पाकिस्तान के प्राधिकारियों ने आठ फरवरी के आम चुनाव में कथित धांधली के खिलाफ इस्लामाबाद में विरोध रैली आयोजित करने के पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) के अनुरोध को रविवार को सुरक्षा कारणों से खारिज कर दिया।

जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने राजधानी इस्लामाबाद प्रशासन से 23 मार्च या 30 मार्च को एक जनसभा आयोजित करने की अनुमति मांगी थी, जो 8 फरवरी के चुनावों के बाद इस तरह का पहला आयोजन थी। चूंकि रैली के लिए पहला विकल्प पहले ही समाप्त हो चुका था, इसलिए वह 30 मार्च को विरोध मार्च आयोजित करने की अनुमति लेने की कोशिश कर रही थी।

इस्लामाबाद के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) इरफान मेमन ने "कानून और व्यवस्था" की स्थिति को देखते हुए अनुरोध को खारिज कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी पहले भी कई मौकों पर जारी एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) का उल्लंघन कर चुकी है।

दो दिन पहले इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमिर फारूक ने राजधानी इस्लामाबाद के डीसी को मामले पर निर्णय लेने और इस संबंध में एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था।

पार्टी ने इस महीने अपने क्षेत्रीय अध्यक्ष अमीर मसूद मुगल के माध्यम से 23 मार्च या 30 मार्च को रात 10 बजे परेड ग्राउंड, एफ9 पार्क या डी चौक पर एक सार्वजनिक सभा की अनुमति मांगी थी।

पार्टी ने एनओसी हासिल करने के लिए 15 मार्च और 18 मार्च को इस्लामाबाद डीसी से भी अनुरोध किया था, लेकिन 21 मार्च तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, जिससे उसने हस्तक्षेप का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया क्योंकि जिला प्रशासन रैली के अनुरोधों का जवाब नहीं दे रहा था।

पार्टी को अपनी राजनीतिक गतिविधियां जारी रखने में कथित तौर पर बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। 5 फरवरी को रावलपिंडी में रैली आयोजित करने के इसी तरह के अनुरोध को रावलपिंडी जिला प्रशासन ने इस दलील के साथ खारिज कर दिया था कि इससे चुनाव से पहले कानून-व्यवस्था की स्थिति प्रभावित हो सकती है।

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