जरुरी जानकारी | आईएमएफ ने पाकिस्तान को कर्ज कम करने के लिये सरकारी कर्मचारियों का वेतन खर्च स्थिर रखने को कहा

इस्लामाबाद, पांच जून अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान को सार्वजनिक कर्ज के बढ़ते बोझ के कारण सरकारी कर्मचारियों का वेतन स्थिर रखने और नये बजट में प्राथमिक घाटा कम रखते हुए राजकोषीय स्थिति बेहतर बनाने के लिये कहा है। स्थानीय मीडिया की खबरों में इसकी जानकारी मिली।

स्थानीय अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून की शुक्रवार की एक खबर के अनुसार, पाकिस्तान के लिये आईएमएफ की इन दो मांगों को मान पाना मुश्किल हो रहा है, लेकिन आईएमएफ जोर दे रहा है कि सार्वजनिक कर्ज के अधिक बोझ के चलते देश को राजकोषीय स्थिति मजबूत करने के रास्ते पर चलना चाहिये।

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पाकिस्तान का सार्वजनिक कर्ज पहले ही उसकी अर्थव्यवस्था के आकार के 90 प्रतिशत पर पहुंच चुका है।

अखबार ने वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से कहा कि सार्वजनिक ऋण में वृद्धि और जी-20 देशों से कर्ज से राहत मांगने के पाकिस्तान के फैसले के कारण, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को सरकारी कर्मचारियों के वेतन को रोकने के लिये कहा है।

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हालांकि, पाकिस्तान की सरकार इस मांग का विरोध कर रही है क्योंकि उच्च मुद्रास्फीति के कारण लोगों की वास्तविक आय खत्म हो चुकी है।

बहरहाल, पाकिस्तान की सरकार 67 हजार से अधिक पदों को समाप्त करने के लिये तैयार है। ये पद एक साल से अधिक समय से रिक्त हैं। इसके अलावा पाकिस्तान की सरकार वाहनों की खरीद समेत मौजूदा व्यय को और कम करने के लिये भी तैयार है।

आईएमएफ की प्रमुख मांग है कि सरकार को प्राथमिक बजट घाटे के लक्ष्य की घोषणा करनी चाहिये और सिर्फ 184 अरब रुपये यानी पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का महज 0.4 प्रतिशत होना चाहिये।

आईएमएफ की मांगों का विरोध करने के लिये पाकिस्तान के अपने कारण हैं, क्योंकि मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों के कारण उसे अगले वित्त वर्ष में राजस्व संग्रह में कोई खास तेजी आती नहीं दिख रही है।

अखबार ने कहा कि उच्च मुद्रास्फीति के कारण लोगों की वास्तविक आय समाप्त हो जाने को लेकर पाकिस्तान सरकार अपने कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने की तैयारी में है।

पाकिस्तान की सरकार 12 जून को नया बजट पेश करने वाली है। यह बजट ऐसे समय आ रहा है, जब पाकिस्तान की सरकार राजकोषीय स्थिति को ठीक करने तथा आर्थिक वृद्धि को गति देने के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा वित्त मंत्रालय आईएमएफ के कार्यक्रम को पुन: बहाल करने के लिये वाशिंगटन स्थित आईएमएफ अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद कर रहा है।

आईएमएफ की 0.4 प्रतिशत प्राथमिक बजट घाटा रखने की मांग से इतर, सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद का 1.9 प्रतिशत या 875 अरब रुपये होना चाहिये।

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