बेतुल (गोवा), आठ फरवरी देश की सबसे बड़ी शहर गैस परिचालक इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) प्राकृतिक गैस से परे कारोबार का विस्तार करने के अपने प्रयासों के तहत चार राज्यों में 19 संपीड़ित बायोगैस संयंत्र स्थापित करने और ऊर्जा के स्वच्छ रूपों को अपनाने पर विचार कर रही है।
कंपनी ने दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में संपीड़ित बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिए दो प्रौद्योगिकी भागीदारों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
‘भारत ऊर्जा सप्ताह 2024’ में यहां समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
नगरपालिका तथा कृषि कचरे से बनने वाली गैस को पारंपरिक गैस में मिलाया जाएगा और वाहन ईंधन के रूप में सीएनजी तथा खाना पकाने वाली पाइप वाली गैस (पीएनजी) के रूप में बेचा जाएगा।
कंपनी ने कहा, ‘‘इसके अतिरिक्त आईजीएल ने पहले ही इसी उद्देश्य के लिए दो अन्य साझेदारों से हाथ मिलाया है। इन 19 संयंत्रों से उत्पादित बायोगैस को आईजीएल के शहरी गैस वितरण नेटवर्क में डाला जाएगा।’’
आईजीएल राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के शहरों में सीएनजी और पीएनजी की खुदरा बिक्री करती है।
आईजीएल के प्रबंध निदेशक के. के. चाटीवाल, आईजीएल के निदेशक (वाणिज्यिक) पवन कुमार और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।
कंपनी ने कहा, ‘‘ इस साझेदारी का लक्ष्य कचरे से प्रतिदिन 4.5 लाख मानक घनमीटर बायोगैस का उत्पादन करना है, जो आईजीएल की दैनिक आवश्यकताओं के करीब पांच प्रतिशत के बराबर है।’’
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