देश की खबरें | राज्य के पास यदि निर्देश जारी करने का समय नहीं, तो हमारे पास इंतजार करने का समय नहीं: न्यायालय
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on India at LatestLY हिन्दी. उच्चतम न्यायालय ने स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के आरोपी एक ट्रक खलासी को मंगलवार को तब जमानत प्रदान कर दी, जब राहत के अनुरोध वाली उसकी याचिका पर ओडिशा सरकार कोई जवाब दाखिल करने में विफल रही।
नयी दिल्ली, 22 नवंबर उच्चतम न्यायालय ने स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के आरोपी एक ट्रक खलासी को मंगलवार को तब जमानत प्रदान कर दी, जब राहत के अनुरोध वाली उसकी याचिका पर ओडिशा सरकार कोई जवाब दाखिल करने में विफल रही।
न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति अभय एस ओका की पीठ ने कहा कि आरोपी 18 महीने से अधिक समय से हिरासत में है। पीठ ने कहा कि नोटिस अक्टूबर में जारी किया गया था, इसके बावजूद राज्य के अधिवक्ता ने जवाब दाखिल नहीं किया।
पीठ ने कहा, ‘‘हम पाते हैं कि नोटिस 26 अक्टूबर, 2022 को दिया गया था और इसके बावजूद प्रतिवादी राज्य के अधिवक्ता आज कहते हैं कि राज्य ने उन्हें कल ही निर्देश दिया। यदि राज्य के पास समय पर निर्देश जारी करने का समय नहीं है, तो हमारे पास राज्य के लिए इंतजार करने का समय नहीं है।’’
शीर्ष अदालत ने कहा कि आरोपी केवल वाहन का खलासी था और भागा नहीं, जबकि अन्य भाग गए और अभी भी पकड़े नहीं गए हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘वह (खलासी) 21 मार्च, 2021 से यानी डेढ़ साल से अधिक समय से हिरासत में है। उपरोक्त तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर, हम अपीलकर्ता को निचली अदालत द्वारा तय किये जाने वाले नियम और शर्तों पर जमानत प्रदान करते हैं।’’
याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि आरोपी परिस्थितियों का शिकार है, क्योंकि वह ट्रक में केवल एक खलासी था और इस तरह बरामदगी के लिए उसे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।
इससे पहले उच्च न्यायालय ने उसकी जमानत याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि पुलिस ने 280 किलोग्राम मादक पदार्थ बरामद किया था।
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