Delhi: CM केजरीवाल का दावा, कहा- कानून-व्यवस्था उपराज्यपाल के बजाय ‘आप’ सरकार के अधीन होती तो दिल्ली सुरक्षित होती

केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘दोनों महिलाओं के परिजनों के साथ हमारी संवेदनाएं. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें.’’ उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली के लोग अपने आप को बहुत असुरक्षित महसूस करने लगे हैं. जिन लोगों को दिल्ली की कानून-व्यवस्था संभालनी है, वे कानून-व्यवस्था ठीक करने के बजाय पूरी दिल्ली सरकार पर कब्जा करने का षड्यंत्र रच रहे हैं."

नयी दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि दिल्ली में कानून-व्यवस्था अगर उपराज्यपाल के बजाय आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के अधीन होती, तो राष्ट्रीय राजधानी सुरक्षित होती. मुख्यमंत्री की टिप्पणी पर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल को कानून की समझ नहीं है. दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता हरीश खुराना ने केजरीवाल पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना के साथ राजनीतिक हिसाब बराबर करने की कोशिश करने का आरोप लगाया.

केजरीवाल का बयान दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के आरके पुरम इलाके में रविवार सुबह हमलावरों द्वारा दो महिलाओं की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या करने का बाद आया. पुलिस के मुताबिक, हमलावारों का पीड़ितों के भाई से पैसों को लेकर विवाद था. घटना के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. CM अरविंद केजरीवाल का आरोप, भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए 'एनसीबी कार्यालय' का करेगी दुरुपयोग

केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘दोनों महिलाओं के परिजनों के साथ हमारी संवेदनाएं. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें.’’ उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली के लोग अपने आप को बहुत असुरक्षित महसूस करने लगे हैं. जिन लोगों को दिल्ली की कानून-व्यवस्था संभालनी है, वे कानून-व्यवस्था ठीक करने के बजाय पूरी दिल्ली सरकार पर कब्जा करने का षड्यंत्र रच रहे हैं. आज अगर दिल्ली की कानून-व्यवस्था उपराज्यपाल के बजाय ‘आप’ सरकार के अधीन होती, तो राष्ट्रीय राजधानी सबसे सुरक्षित होती.’’

‘आप’ ने पहले भी शहर में कानून-व्यवस्था की कथित तौर पर ‘बिगड़ती’ स्थिति को लेकर उपराज्यपाल वी के सक्सेना पर निशाना साधा है. केजरीवाल की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए लेखी ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ''मैं दिल्ली के लोगों को याद दिलाना चाहती हूं कि यह वही अरविंद केजरीवाल हैं जिनके विधायक दिल्ली दंगों में शामिल थे. वे आईबी (खुफिया ब्यूरो) के अधिकारी अंकित की हत्या में शामिल थे. गुलेल, बंदूकों (और) पेट्रोल बम की आपूर्ति इन लोगों द्वारा की गई थी. क्या ऐसे लोगों को कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी दी जा सकती है?"

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