विदेश की खबरें | सत्ता में आई तो भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान के साथ संबंध मजबूत करूंगी: निक्की हेली
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on world at LatestLY हिन्दी. राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से उम्मीदवारी पाने का प्रयास कर रहीं भारतीय-अमेरिकी निक्की हेली ने कहा कि अगर वह सत्ता में आती हैं तो उनका प्रशासन न केवल उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के साथ बल्कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया और फिलीपीन सहित कई अन्य देशों के साथ अपने संबंधों का मजबूत करेगा।
वाशिंगटन, 19 फरवरी राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से उम्मीदवारी पाने का प्रयास कर रहीं भारतीय-अमेरिकी निक्की हेली ने कहा कि अगर वह सत्ता में आती हैं तो उनका प्रशासन न केवल उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के साथ बल्कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया और फिलीपीन सहित कई अन्य देशों के साथ अपने संबंधों का मजबूत करेगा।
हेली ने कहा कि अगर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दोबारा चुने जाते हैं तो नाटो के साथ संबंधों के लिए खतरा हो सकता है।
उन्होंने ‘एबीसी न्यूज’ से बातचीत में कहा, ‘‘ अगर ट्रंप दोबारा चुने जाते हैं तो मैं कई मुद्दों को लेकर चिंतित हूं। नाटो के साथ संबंधों के लिए खतरा उनमें से एक है। नाटो 75 साल की सफलता की कहानी है। ’’
अमेरिका में 2024 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन भरने की दौड़ में रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से हेली ट्रंप के खिलाफ एकमात्र उम्मीदवार बची हैं।
नाटो 31 सदस्य देशों का एक अंतरसरकारी सैन्य गठबंधन है, जिसमें यूरोप के 29 और उत्तरी अमेरिका के दो देश शामिल हैं।
हेली ने कहा कि चीन हमेशा से इस गठबंधन का मुखर विरोधी रहा है। ऐसे में नाटो को मजबूत बनाना जरूरी है।
करीब एक सप्ताह पहले कैरोलिना में ट्रंप ने टिप्पणी करते हुये कहा था कि वह रूस को किसी भी नाटो सदस्य देश के साथ ‘‘कुछ भी करने के लिए’’ प्रोत्साहित करेंगे। हेली इस संबंध में पूछे गये सवाल पर ही प्रतिक्रिया दे रही थीं।
हेली ने कहा कि इस गठबंधन में और अधिक मित्र देशों को जोड़ना जरूरी है। यह गठबंधन के साथ खड़े होने का समय है। यह न तो किसी ठग का पक्ष लेने का समय है और न ही उन मित्र देशों का पक्ष लेने का समय है जो कि 11 सितंबर के हमले के बाद अमेरिका के साथ खड़े थे।
एक सवाल के जवाब में हेली ने कहा, ‘‘ मैं वादा करती हूं कि अगर राष्ट्रपति के रूप में काम करने का मौका मिला तो हम न केवल नाटो को मजबूत करेंगे, बल्कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, फिलीपीन के साथ संबंधों को भी मजबूत करेंगे। हम इसमें और देशों को जोड़ेंगे। यह अमेरिका के मित्र देशों की संख्या बढ़ाने के बारे में है न कि उन्हें कम करने के बारे में है।’’
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