देश की खबरें | केजरीवाल को जारी किए गए ईडी के समन अगर 'अवैध' हैं तो इन्हें अदालत से रद्द कराएंः भाजपा ने आप से कहा

नयी दिल्ली, दो फरवरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उसे लगता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जारी किए गए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समन 'अवैध' हैं तो अदालत जाकर इन्हें रद्द कराए।

केजरीवाल कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में पूछताछ के लिए ईडी द्वारा जारी किए गए पांचवें समन पर शुक्रवार को भी जांच एजेंसी के समक्ष पेश नहीं हुए। इसके बजाय मुख्यमंत्री दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर भाजपा मुख्यालय के पास विरोध प्रदर्शन में अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ शामिल हुए।

केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने संसद भवन परिसर में कहा कि केजरीवाल पूछताछ के लिए ईडी के समक्ष प्रस्तुत नहीं हो रहे हैं, क्योंकि वह जानते हैं कि भ्रष्टाचार हुआ है। वह जांच एजेंसी को जवाब देने से बचने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ''न तो अदालतें और न ही कोई प्राधिकारी इस तरह के व्यवहार को लेकर धैर्य धारण कर सकता है। इसका सीधा सा कारण यह है कि वे कानून का अनुसरण करते है।'' साथ ही लेखी ने कहा कि, ''एक मुख्यमंत्री से कानून के पालन की उम्मीद की जाती है।''

इससे पहले दिन में आप ने कहा था कि केजरीवाल पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश नहीं होंगे और आरोप लगाया कि उन्हें जारी किए गए समन "अवैध" हैं। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा केजरीवाल को गिरफ्तार करा दिल्ली में उसकी सरकार गिराना चाहती है।

लेखी ने आरोप लगाया कि वह ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए, लेकिन भाजपा मुख्यालय के समक्ष "नाटक" करने चले गए।

उन्होंने कहा कि पहले आप के नेता कहते थे कि पद पर आसीन किसी भी व्यक्ति को पहले इस्तीफा देना चाहिए और फिर जांच का सामना करना चाहिए। लेकिन यहां अपने पद से इस्तीफा देना तो दूर एक मुख्यमंत्री जांच तक में शामिल नहीं हो रहे हैं।

लेखी ने आप के इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि भाजपा केजरीवाल सरकार को गिराना चाहती थी।

उन्होंने कहा,"भाजपा को सरकार गिराने की जरूरत नहीं है क्योंकि आपकी पार्टी के लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि आप (केजरीवाल) न तो एक बेहतर मुख्यमंत्री है और न ही एक योग्य नेता और वे आपको छोड़ रहे हैं।"

केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि आप में एक "विभाजन" था जो चंडीगढ़ महापौर चुनाव के दौरान देखा गया। इसीलिए विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' के सदस्यों आप और कांग्रेस की संयुक्त संख्या अधिक होने के बावजूद भाजपा ने चंडीगढ़ में महापौर के पद पर जीत हासिल की।

उन्होंने कहा कि पहले जब केजरीवाल भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की बात करते थे तो कई लोग केजरीवाल और उनकी पार्टी आप में शामिल हो गए। लेकिन अब वे केजरीवाल और पार्टी को छोड़कर जा रहे हैं क्योंकि उन्हें एहसास हो गया है कि उन्होंने कोई काम नहीं किया और केवल नाटक में लगे रहे।

उत्तर पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल ने अब तक ईडी के पांच समन को नजरअंदाज किया है।

उन्होंने सवाल उठाया,"क्या वह दिल्ली के बच्चों को कानून का पालन न करने का संदेश देना चाहते हैं। क्या उन्हें इसके लिए चुना गया था?"

तिवारी ने कहा कि केजरीवाल को ईडी के सामने पेश होना चाहिए और अगर उनके पास अपनी बेगुनाही का कोई सबूत है तो उसे देना चाहिए।

तिवारी ने कहा,'' वह ईडी के समन को नजरअंदाज कर रहे हैं। इसका मतलब है कि वह स्वीकार करते हैं कि भ्रष्टाचार हुआ है और वह दोषी भी हैं।''

आम आदमी पार्टी के लोकसभा सांसद रिंकू सिंह ने कहा कि केजरीवाल भाजपा की हरकतों से डरने वाले नहीं हैं।

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