श्रीनगर, 29 मई जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों ने एक कार में मौजूद विस्फोटक का पता लगाकर आईईडी विस्फोट को नाकाम कर दिया। इस कार में करीब 45 किलोग्राम विस्फोट रखा हुआ था।
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा कि हिज्बुल मुजाहिद्दीन और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) एक साथ मिलकर पिछले साल फरवरी के आत्मघाती हमले की तरह ही सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे। पिछले साल हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए थे।
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कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ पुलिस को एक सप्ताह से हिज्बुल और जैश के आतंकवादियों द्वारा कार बम का इस्तेमाल करते हुए सुरक्षाबलों पर बड़े हमले की साजिश की जानकारी मिल रही थी। जब बुधवार को इस विषय में पर्याप्त जानकारी मिल गई तो हमने और चीजें भी जुटाईं और सुरक्षा बलों ने पुलवामा में नाकेबंदी की।’’
उन्होंने कहा कि बुधवार शाम में जब एक कार जांच चौकी पर पहुंची तो सुरक्षाबलों ने चेतावनी के लिए कुछ गोलियां चलाई क्योंकि पहले से ही इस कार के संबंध में जानकारी उपलब्ध थी। इसके बाद आतंकवादी कार मोड़कर फरार हो गया।
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उन्होंने कहा, ‘‘ इसके बाद अन्य जांच चौकी पर भी सुरक्षाबलों ने चेतावनी में गोलियां चलाईं और आतंकवादी अपनी कार छोड़कर अंधेरे का फायदा उठाते हुए वहां से फरार हो गया। सुरक्षाबलों ने कुछ दूरी से ही रोशनी करके वाहन की जांच की और उन्हें कुछ संदिग्ध मिला। इसके बाद घेराबंद कर दी और सुबह होने की प्रतीक्षा करने लगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ सुबह में एक बम निरोधक दस्ता घटनास्थल पर पहुंचा और विस्फोटक से भरे हुए वाहन को देखा। पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ ने तकनीकी रूप से आईईडी को निष्क्रिय कर दिया। पुलवामा पुलिस ने सुरक्षाबलों की मदद से एक बड़े हमले को नाकाम कर दिया और मैं इसके लिए सभी सुरक्षबलों को बधाई देता हूं।’’
आईजीपी ने कहा कि पुलिस को जैश द्वारा जंग-ए-बदर दिवस (रमजान महीने का 17 वां दिन) की वर्षगांठ पर हमले के संबंध में खुफिया जानकारी थी लेकिन सुरक्षाबलों की मुस्तैदी और सतर्कता की वजह से आतंकवादी ऐसा करने में नाकाम रहे।
उन्होंने बताया, ‘‘ हालांकि बाद में इस संबंध में और ताजा जानकारी मिली। हमें संदेह है कि हिज्बुल मुजाहिद्दीन का आतंकवादी आदिल जो कि जैश के साथ भी काम करता है और फौजी भाई-(जो कि पाकिस्तानी आतंकवादी है और पुलवामा में जैश का कमांडर है) इस षडयंत्र को रचने में शामिल है।’’
कुमार ने कहा कि आतंकवादी पिछले साल 14 फरवरी को अवंतीपोरा हमले की तर्ज पर ही 40-45 किलोग्राम विस्फोटक की मदद से सुरक्षाबलों के वाहनों को निशाना बनाने की साजिश में थे।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम जांच के लिए बाहर से विशेषज्ञ दल बुला रहे हैं क्योंकि विस्फोटक का मलबा हवा में 50 मीटर की दूरी तक गया है और ऐसा प्रतीत होता है कि विस्फोटक की मात्रा करीब 40-45 किलोग्राम थी।’’
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