जरुरी जानकारी | आईसीएआर को तिलहन, दलहन, कपास की उत्पादकता में सुधार पर ध्यान देना चाहिए: कृषि मंत्री तोमर
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नयी दिल्ली, 16 जुलाई कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को देश के अग्रणी कृषि अनुसंधान संगठन आईसीएआर को तिलहन और दलहन जैसी विभिन्न फसलों की उत्पादकता में सुधार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा क्योंकि इनकी पैदावार, वैश्विक औसत से काफी नीचे है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 94वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि भारत को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में आईसीएआर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और देश अधिकांश फसलों के उत्पादन के मामले में या तो नंबर एक या नंबर दो के स्थान पर है।
तोमर ने कहा, ‘‘आईसीएआर के स्थापना दिवस को संकल्प दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए। आईसीएआर को इस दिन कुछ संकल्प लेना चाहिए और प्रयास करना चाहिए कि अगले एक साल में इसे हासिल कर लिया जाए।’’
हालांकि पिछले 93 साल के आईसीएआर के सफर में काफी सफलता मिली है, लेकिन मंत्री ने कहा कि हमारे सामने उत्पादकता के मामले में एक 'बड़ी चुनौती' है, खासकर तिलहन, दलहन और कपास में। तोमर ने कहा, ‘‘अगर हम (हमारी फसल की उपज) अन्य देशों के साथ तुलना करते हैं, तो हमें लगेगा कि बहुत काम किया जाना बाकी है।’’
मंत्री ने कहा कि फसल उत्पादकता का मुद्दा आईसीएआर की प्रतिज्ञा का हिस्सा होना चाहिए।
भारत खाद्य तेल की अपनी वार्षिक घरेलू मांग का लगभग 60 प्रतिशत आयात करता है। अक्टूबर को समाप्त होने वाले तेल वर्ष 2020-21 में देश ने रिकॉर्ड 1.17 लाख करोड़ रुपये के खाद्य तेलों का आयात किया था।
दालों का भी आयात किया जा रहा है लेकिन उतनी मात्रा में नहीं। तोमर ने आईसीएआर से कृषि पर जलवायु परिवर्तन की चुनौती को कम करने के लिए अपना शोध कार्य जारी रखने को कहा।
उन्होंने जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता के बारे में बात की, क्योंकि रसायनों और उर्वरकों का अधिक उपयोग मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
तोमर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मोदी-सरकार ने विभिन्न पहल की हैं और कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले 7-8 वर्षों में लाखों किसानों की आय न केवल दोगुनी बल्कि दोगुनी से भी अधिक हुई है।
मंत्री ने जोर देकर कहा कि कृषि के क्षेत्र में युवा और शिक्षित लोगों को आकर्षित करने की जरूरत है।
इस अवसर पर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने आईसीएआर को अपनी उपलब्धियों का दस्तावेजीकरण करने को कहा।
मंत्री ने मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार पर जोर दिया, जिसे उन्होंने गोबर के उपयोग के माध्यम से प्राप्त किया जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि गोबर के उपयोग के लिए एक प्रोटोकॉल तैयार किया जाना चाहिए।
कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि उत्पादन की कम लागत और उच्च बिक्री प्राप्ति के माध्यम से बेहतर आय के लिए किसानों को किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) से जोड़ा जाना चाहिए।
सरकार देश भर में 10,000 एफपीओ स्थापित कर रही है।
नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा कि सरकार जैविक और प्राकृतिक खेती के जरिए 'मूल धरातल की ओर वापसी' को बढ़ावा दे रही है। लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार नैनो उर्वरक और ड्रोन जैसी नई तकनीकों को बढ़ावा दे रही है।
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