जरुरी जानकारी | आईसीएआर ने कृषि वैज्ञानिकों की नियुक्ति में अनियमितताओं के आरोपों को खारिज किया

नयी दिल्ली, 30 दिसंबर सरकार के प्रमुख कृषि अनुसंधान निकाय आईसीएआर ने सोमवार को कृषि वैज्ञानिकों की नियुक्ति प्रक्रिया और आईएआरआई निदेशक पद की भर्ती में कथित अनियमितताओं के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ये दावे ‘तथ्यात्मक रूप से गलत’ और ‘भ्रामक’ हैं।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने इस बात पर जोर दिया कि हाल ही में की गई सभी भर्तियों में स्वीकृत योग्यता दिशानिर्देशों का पालन किया गया है।

यह बयान आईसीएआर शासी निकाय के सदस्य वेणुगोपाल बदरवाड़ा द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भर्ती प्रक्रिया, विशेष रूप से हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के निदेशक की नियुक्ति के संबंध में जांच करने का अनुरोध करने के बाद आया है।

कृषि मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, आईसीएआर ने स्पष्ट किया कि आईएआरआई निदेशक पद के लिए आवश्यक योग्यताओं में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

इसमें कहा गया है कि मौजूदा आवश्यकताएं उन जरूरतों से मेल खाती हैं, जो पिछले निदेशक ए के सिंह, जो जून, 2024 में सेवानिवृत्त हुए थे, की 2019 में नियुक्ति के समय लागू थीं।

चेरुकुमल्ली श्रीनिवास राव की आईएआरआई निदेशक के रूप में नियुक्ति के बारे में, आईसीएआर ने बताया कि वह पहले हैदराबाद में राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी (एनएएआरएम) के निदेशक के रूप में कार्यरत थे।

आईसीएआर ने कहा कि उनका स्थानांतरण उचित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए किया गया था, जिसमें आईएआरआई की भूमिका संभालने से पहले एनएएआरएम पद से औपचारिक रूप से मुक्त होना शामिल था।

आईसीएआर ने विकृत और गलत तरीके से बताए गए तथ्यों के लिए सार्वजनिक रूप से माफ़ी की मांग की, जिसमें कहा गया कि ‘असंतुष्ट तत्व’ ‘निहित स्वार्थों’ के लिए शासी निकाय के सदस्य को गुमराह करने के लिए अफ़वाहें फैला रहे थे।

संगठन ने यह भी पुष्टि की कि पिछले पाँच वर्षों में आईसीएआर के भीतर किसी भी वैज्ञानिक पद के लिए आवश्यक योग्यताओं में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)