रांची, 29 नवंबर : झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की शिकायत के बाद विधानसभा चुनाव से पहले हटाए गए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी मंजूनाथ भजंत्री को हेमंत सोरेन सरकार ने रांची के उपायुक्त के पद पर बहाल कर दिया है. यह जानकारी एक अधिसूचना में दी गई. सोरेन के झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के कुछ घंटे बाद ही भजंत्री को पद पर बहाल करने का फैसला लिया गया. हेमंत सोरेन सरकार ने 2011 बैच के आईएएस अधिकारी भजंत्री को विधानसभा चुनाव से पहले रांची का उपायुक्त नियुक्त किया था, लेकिन भाजपा के कानूनी प्रकोष्ठ द्वारा मुख्य निर्वाचन अधिकारी को शिकायत किए जाने के बाद 15 अक्टूबर को उन्हें पद से हटा दिया गया और झारखंड राज्य आजीविका सोसाइटी (जेएसएलपीएस) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर उनका तबादला कर दिया गया.
कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया, ‘‘जेएसएलपीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मंजूनाथ भजंत्री का तबादला कर उन्हें अगले आदेश तक रांची का उपायुक्त नियुक्त किया गया है.’’ भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2014 बैच के अधिकारी एवं रांची के उपायुक्त वरुण रंजन को झारखंड औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम में प्रबंध निदेशक के पद पर स्थानांतरित किया गया है और उन्हें खान आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है. यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र चुनाव में हार के बाद कांग्रेस का ईवीएम पर सवाल, तथ्यों के साथ सोशल मीडिया पर सामने आई जानकारी
देवघर के उपायुक्त के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान भजंत्री ने आरोप लगाया था कि अगस्त 2022 में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और आठ अन्य लोग देवघर हवाई अड्डे के हवाई यातायात नियंत्रण (एटीएस) कक्ष में घुस गए और अपने चार्टर्ड विमान के लिए निर्धारित समय से पहले जबरन मंजूरी ले ली. इसके बाद दोनों के बीच सोशल मीडिया मंच पर जंग छिड़ गई थी. दुबे ने अधिकारी के खिलाफ राजद्रोह में शामिल होने और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी भी दर्ज कराई थी, लेकिन झारखंड उच्च न्यायालय ने इस वर्ष अगस्त में प्राथमिकी रद्द कर दी.