नयी दिल्ली, चार सितंबर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर अपनी विवादास्पद फिल्म ‘इमरजेंसी’ की रिलीज टलने के बीच अभिनेत्री कंगना रनौत ने बुधवार को कहा कि वह ‘‘सबकी पसंदीदा निशाना’’ बन गयी हैं और वह ‘‘सोए हुए देश’’ को जगाने की कीमत चुका रही हैं।
रनौत द्वारा निर्देशित, लिखित और सह-निर्मित इस फिल्म को बंबई उच्च न्यायालय से भी कोई राहत नहीं मिली। बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा जारी निर्देश के मद्देनजर इस चरण में वह तत्काल कोई राहत नहीं दे सकता, जिसमें सेंसर बोर्ड को निर्देश दिया गया है कि वह फिल्म के प्रमाणन से पहले आपत्तियों पर विचार करे।
‘इमरजेंसी’ में रनौत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका में हैं। यह फिल्म कई बार टलने के बाद छह सितंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन इसे अभी तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से मंजूरी नहीं मिली है।
हिमाचल प्रदेश के मंडी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद और अभिनेत्री ने एक पोस्ट में उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त की।
उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं सबकी पसंदीदा निशाना बन गई हूं, इस सोए हुए देश को जगाने की यह कीमत है। वे नहीं जानते कि मैं किस बारे में बात कर रही हूं, उन्हें इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि मैं इतना चिंतित क्यों हूं, क्योंकि वे शांति चाहते हैं, वे किसी का पक्ष नहीं लेना चाहते।’’
अभिनेत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक अलग पोस्ट में लिखा, ‘‘उच्च न्यायालय ने ‘इमरजेंसी’ का प्रमाणपत्र अवैध रूप से रोके रखने के लिए सेंसर को फटकार लगाई है।’’
शिरोमणि अकाली दल सहित सिख संगठनों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद ‘इमरजेंसी’ विवाद में फंस गयी है, जिसमें समुदाय को गलत तरीके से प्रस्तुत करने और ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया गया है।
फिल्म की निर्माता कंपनी जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सीबीएफसी को फिल्म के लिए प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
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