मेदवेदेव ने मुकाबले के दौरान दो मेडिकल टाइम आउट लिए और एक बार उनके ट्रेनर को कोर्ट पर आना पड़ा. वह अंकों के बीच में अपने रैकेट के सहारे आराम करते दिखे. आरियाके टेनिस पार्क पर बुधवार को उमस और गर्मी से मेदवेदेव को जूझते देखकर चेयर अंपायर कार्लोस रामोस ने उनसे पूछा कि क्या वह खेलना जारी रखेंगे, जिस पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं मैच खत्म कर सकता हूं लेकिन मैं मर सकता हूं. अगर मैं मर गया तो क्या आप जिम्मेदार होंगे?’’ दूसरे वरीय मेदवेदेव हालांकि फोगनिनी को 6-2, 3-6, 6-2 से हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने में सफल रहे. मेदवेदेव को इस मुकाबले से उबरने में समय लगेगा और सवाल उठ रहे कि आखिर आयोजकों ने मेदवेदेव और शीर्ष वरीय नोवाक जोकोविच जैसे खिलाड़ियों के सभी टेनिस मैच शाम को कराने के आग्रह को क्यों नहीं माना.
सुबह बारिश के विलंब के बाद तापमान 31 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया लेकिन गर्मी के इंडेक्स के अनुसार 37 डिग्री सेल्सियस जितनी गर्मी महसूस हो रही थी. मेदवेदेव और फोगनिनी को दूसरे और तीसरे सेट के बीच में 10 मिनट के लिए कोर्ट छोड़ने की इजाजत दी गई थी. बेहद तेज गर्मी का नियम लागू करके ऐसा किया गया. मेदवेदेव पदक दौर में जगह बनाने के लिए स्पेन के छठे वरीय पाब्लो करेनो बुस्ता से भिड़ंगे जिन्होंने जर्मनी के डोमीनिक कोएफर को 7-6, 6-3 से हराया. यह भी पढ़ें : Karnataka New CM: बसवराज बोम्मई बने कर्नाटक के नए सीएम, मुख्यमंत्री पद की ली शपथ
महिला एकल में चौथी वरीय युक्रेन की एलिना स्वितोलिना ने इटली के कैमिला जॉर्जी को 6-4, 6-4 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया. शीर्ष वरीय एश बार्टी, दूसरी वरीय नाओमी ओसाका और तीसरे नंबर की एरिना सबालेंका के हारने के बाद स्वितोलिना टूर्नामेंट में शीर्ष रैंकिंग वाली खिलाड़ी बची हैं.