पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक नया ट्रेंड सामने आया है. अब कई पर्यटन स्थलों पर ऐसे लोगों को आकर्षित करने की कोशिशें हो रही हैं, जो अमीर हों, दूसरे का ध्यान रखें और स्थानीय संस्कृति से प्रेम करें.मेजबान शहर या देश के नजरिए से एक आदर्श पर्यटक की कल्पना में जो बातें आती हैं, वो ये हैं कि छुट्टी मनाने वाले को किस मौसम में आना चाहिए. ऐसे मौसम में आना चाहिए, जो न तो भीड़-भाड़ वाला हो और न ही ज्यादा गर्मी, ठंडी या बरसात वाला हो. आने वाले पर्यटक स्थानीय संस्कृति और स्थानीय लोगों में रुचि लें, पर्यावरण का सम्मान करें, अच्छे शिष्टाचार वाले हों, गंदगी फैलाने से बचें, वगैरह. यही नहीं, वह निष्ठावान हो तो और बेहतर, यानी वह साल-दर-साल वहां आता रहे और ज्यादा-से-ज्यादा पैसे खर्च करे.
जिन जगहों पर लोग छुट्टियां मनाने के लिए अक्सर जाते हैं, यानी जिन्हें हॉलिडे डेस्टिनेशन कहा जाता है, उन जगहों का प्रशासन संभालने वालों की दिलचस्पी इस बात में होती है कि वो उच्च श्रेणी के पर्यटन को बढ़ावा दें. उदाहरण के लिए, बर्लिन की वर्तमान पर्यटन अवधारणा कहती है, "हम अब पर्यटन की सफलता को केवल आगंतुकों की संख्या के संदर्भ में नहीं, बल्कि अन्य गुणात्मक मानदंडों के आधार पर भी मापना चाहते हैं.”
जर्मनी के एकीकरण के बाद बर्लिन के पर्यटन में तेजी से उछाल आया. इस वजह से कुछ लोगों को तो काफी फायदा हुआ, लेकिन दूसरों को काफी परेशानी भी हुई. सिटी मार्केटिंग एजेंसी "विजिटबर्लिन" के क्रिश्चियन टैंजरल का कहना है कि समय के साथ बर्लिन के स्थानीय लोग बड़े पैमाने पर पर्यटन से चिढ़ने लगे हैं. टैंजरल कहते हैं, "लंबे समय तक तो लोगों का ध्यान पूरी तरह से पर्यटकों की संख्या बढ़ाने पर लगा रहा. लेकिन अगर पर्यटन को टिकाऊ बनाना है, तो इसके लिए पर्यटकों और स्थानीय लोगों की जरूरतों के बीच सावधानीपूर्वक संतुलन बनाना होगा.”
बदला जा रहा है बर्लिन में पर्यटन का तरीका
उम्मीद यह है कि किसी शहर में छुट्टियां मनाने आए लोग जो पैसा खर्च करते हैं, उससे उस शहर के आम निवासियों को भी फायदा होगा. और, पर्यटकों की वजह से शहर में रहने की लागत नहीं बढ़ेगी. इसके अलावा, पर्यटकों की मांग के अनुरूप शहर को कुछ गुणवत्ता मानकों के हिसाब से बनाने की योजना है. साथ ही, पर्यटन के कार्बन फुटप्रिंट को यथासंभव घटाने की भी कोशिश होगी.
इन बातों को धरातल पर उतारने के लिए अब बहुत सारे उपकरण मौजूद हैं. उनमें से एक है, विजिटबर्लिन का "गोइंग लोकल" ऐप, जो छुट्टियों पर जाने वालों को शहर के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले स्थलों से दूर, सामान्य ट्रैक से दूर, दर्शनीय स्थलों को खोजने की सुविधा देता है. आशा है कि इससे पर्यटकों को एक ही स्थान पर आने से रोका जा सकेगा और इसके बजाय वे पूरे शहर में फैल जाएंगे. ऐप उन पर्यटकों को लक्षित करता है, जिनकी बर्लिन में वास्तविक रुचि है और जो वास्तव में शहर को जानना चाहते हैं.
टैंजलर कहते हैं, "और इसका मतलब यह नहीं है कि छुट्टियां अपने आप महंगी हो जाएंगी. उच्च गुणवत्ता वाले पर्यटन को बढ़ावा देने की रणनीति का मतलब यह नहीं है कि आगंतुकों को महंगी सेवाएं लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाए.”
पार्टी के लिए आने वाले पर्यटकों का स्वागत नहीं
बड़े पैमाने पर पर्यटन के दबाव से जूझ रहा बार्सिलोना भी बड़े बदलावों के बारे में सोच रहा है. बार्सिलोना, स्पेन में कैटेलोनिया के स्वायत्त प्रांत की राजधानी है. स्थानीय लोग चाहते हैं कि यहां ऐसे पर्यटक कम आएं, जो सिर्फ बार्सिलोना के समुद्री तटों पर पार्टी करने के लिए आते हैं और सस्ते हॉस्टल में रुकते हैं. शहर के होटलों को एडवांस बनाने और महंगा करने की कोशिश की गई है, जिससे केवल पार्टी करने वाले पर्यटकों को हतोत्साहित किया जा सके.
हालांकि ऐसे कदम हमेशा योजना के अनुसार काम नहीं करते हैं. मयोर्का के उदाहरण से तो यही पता चलता है. मयोर्का लोकप्रिय भूमध्यसागरीय द्वीप है. यहां पार्टी करके उत्पात मचाने वाले पर्यटक आते रहे हैं. यहां कई वर्षों से अधिकारियों ने अन्य चीजों के अलावा मयोर्का के होटलों को अपग्रेड करके ऐसे पर्यटकों से मुक्ति का प्रयास किया है.
इसके परिणामस्वरूप द्वीप पर चार और पांच सितारा होटलों की संख्या बढ़ गई. 1980 के दशक की शुरुआत में, एक से लेकर तीन सितारा होटलों का यहां पर प्रभुत्व था. लेकिन आज उनका हिस्सा केवल एक तिहाई रह गया है.
प्लाया डी पाल्मा भी एक आकर्षक पर्यटन स्थल है, जो खासतौर पर जर्मन पार्टी पर्यटकों में काफी लोकप्रिय है. यहां ज्यादा अमीर और दूसरों का ध्यान रखने वाले पर्यटकों को आकर्षित करने की कोशिश की गई थी. हालांकि आज ज्यादातर लोग इस बात से सहमत हैं कि यह प्रयास विफल रहा है. होटल के कमरों की कीमत में भारी बढ़ोतरी के बावजूद, अनियंत्रित पार्टी पर्यटक पहले की तरह जगह-जगह देखे जा सकते हैं, यानी उनकी संख्या में कोई कमी नहीं आई है.
पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क
इटली का प्रसिद्ध लैगून शहर वेनिस भी पर्यटकों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने का इच्छुक है. बड़ी संख्या में अनियमित तरीके से पहुंचने वाले पर्यटक कई साल से यहां समस्याएं पैदा कर रहे हैं.
वेनिस नगर पालिका के एक प्रवक्ता ने डीडब्ल्यू को बताया कि ठहरने की अवधि भी काफी मायने रखती है. प्रवक्ता के मुताबिक, "हम चाहते हैं कि वेनिस आने वाले लोग इसकी आत्मा और अद्वितीय लय के साथ तालमेल बिठा सकें. इसके लिए एक दिन निश्चित रूप से पर्याप्त नहीं है. इसीलिए यहां यात्रा करने वालों से यह पूछने की योजना बनाई गई है कि यदि वो एक ही दिन की यात्रा करना चाहते हैं, तो उन्हें शुल्क का भुगतान करना होगा.”
जर्मनी के म्यूनिख में लुडविग मैक्सिमिलियन विश्वविद्यालय में पर्यटन अर्थशास्त्र के प्रोफेसर जुर्गन श्मुडे कहते हैं कि उच्च श्रेणी के पर्यटन की कीमत भी चुकानी पड़ती है. उनका कहना है कि अधिकांश पर्यटन स्थलों पर उच्च गुणवत्ता वाले पर्यटन को कुछ हद तक प्रति पर्यटक मिलने वाले राजस्व के बराबर माना जाता है.
प्रोफेसर श्मुडे चेतावनी देते हुए कहते हैं कि बावजूद इसके, ऐसे पर्यटन पर ध्यान केंद्रित करने से यात्रा को अमीरों का शौक बनाने का जोखिम है, जिसका खर्च समाज में कुछ ही लोग उठा सकते हों. कुछ पर्यटन क्षेत्रों, मसलन स्की हॉलीडेज में, इस तरह की कोशिशों ने पहले ही कई सामान्य लोगों को बाजार से बाहर कर दिया है. श्मुडे कहते हैं, "इन दिनों हर कोई स्की सैर का खर्च वहन नहीं कर सकता.”
प्रति पर्यटक राजस्व
हालांकि बर्लिन में इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि पर्यटकों का मूल्यांकन केवल इस बात से नहीं किया जाना चाहिए कि वे शहर में कितना पैसा खर्च करते हैं. विजिटबर्लिन के क्रिश्चियन टैंजलर कहते हैं, "यह हमारा दृष्टिकोण नहीं है. शहर यह भी ट्रैक करता है कि कितने पर्यटक शहर के 160 संग्रहालयों में जाते हैं, जो इसकी सांस्कृतिक वस्तुओं में उनकी दिलचस्पी का संकेत देता है.”