जरुरी जानकारी | नए साल में घरों की कीमतें इकाई अंक में ही बढ़ने की उम्मीदः विशेषज्ञ

नयी दिल्ली, एक जनवरी देश के प्रमुख शहरों में पिछले साल घरों की औसत कीमतों में करीब 21 प्रतिशत की वृद्धि के बाद वर्ष 2025 में डेवलपर की तरफ से नई आपूर्ति बढ़ाने से कीमतों में वृद्धि इकाई अंक (यानी 10 प्रतिशत से कम) में सीमित रह सकती है।

रियल एस्टेट कारोबार से जुड़ी कंपनियों और संपत्ति सलाहकार फर्मों का मानना है कि नए साल में किफायती और मध्यम-आय वर्ग वाले घरों की मांग को पूरा करने पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है। इसके अलावा इस साल रेपो दर में कटौती किए जाने पर आवासीय ऋण पर ब्याज दरें भी कम हो सकती हैं।

आवास कारोबार से जुड़े हितधारकों को आगामी बजट में किफायती आवास खंड की आपूर्ति और मांग को बढ़ावा देने के लिए कुछ राजकोषीय प्रोत्साहन की घोषणाओं की भी उम्मीद है। पिछले कुछ वर्षों में किफायती आवास खंड सबसे ज्यादा नजरअंदाज हुआ है।

हालांकि, ऊंची कीमतों और महंगे आवासीय कर्ज की वजह से वर्ष 2024 में घरों की बिक्री कोविड-19 महामारी के बाद पहली बार सात प्रमुख शहरों में घटी है।

संपत्ति सलाहकार फर्म एनारॉक के आंकड़ों से पता चला है कि 2024 के दौरान सात प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री चार प्रतिशत घटकर 4,59,650 इकाई रह गई जबकि नई आपूर्ति सात प्रतिशत घटकर 4,12,520 इकाई रह गई।

इसके पहले लगातार तीन वर्षों तक घरों की बिक्री में जबर्दस्त उछाल देखा गया था। महामारी से बुरी तरह प्रभावित वर्ष 2020 में 47 प्रतिशत की गिरावट के बाद वर्ष 2021, 2022 और 2023 में आवास बिक्री क्रमशः 71 प्रतिशत, 54 प्रतिशत और 31 प्रतिशत बढ़ी थी।

एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी को उम्मीद है कि वर्ष 2025 में आवास बाजार स्थिर हो जाएगा और 2024 की तुलना में कीमतों में मामूली वृद्धि ही होगी। पुरी ने कहा, ‘‘बहुत कुछ इस बात पर भी निर्भर करता है कि आगामी केंद्रीय बजट में क्या होता है।’’

उद्योग जगत की पुरानी मांग है कि आयकर अधिनियम के तहत आवास ऋण पर ब्याज की कटौती सीमा बढ़ाई जाए, ताकि किफायती और मध्यम आय वर्ग में आवास की बिक्री को बढ़ावा दिया जा सके।

रियल एस्टेट निकाय नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी हरि बाबू ने कहा, ‘‘वर्ष 2025 में रियल एस्टेट क्षेत्र में वृद्धि का सिलसिला कायम रहने की उम्मीद है। यह गति एक स्थिर आर्थिक परिवेश और अनुकूल सरकारी पहल से संचालित होगी।’’

रियल एस्टेट कंपनियों की शीर्ष संस्था क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा कि देश में रोजगार का दूसरा बड़ा क्षेत्र रियल एस्टेट अब भी नीतिगत बाधाओं से गुजर है जिसकी वजह से वह अपनी पूर्ण क्षमता को साकार नहीं कर पा रहा है।

ईरानी ने कहा, ‘‘नए साल में कदम रखते हुए हम खासकर किफायती आवास खंड के लिए कुछ नीतिगत बाधाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए सरकार के हस्तक्षेप को लेकर आशावादी हैं।’’

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