इजराइल के हमले से पहले नागरिकों को भोजन, पानी और सुरक्षित स्थान की तलाश में संघर्ष करना पड़ रहा है. पिछले सप्ताह हमास के अप्रत्याशित हमले के बाद इजराइल ने पूरे गाजा क्षेत्र की घेराबंदी कर दी है और उत्तरी इलाकों को खाली कर फलस्तीनियों को दक्षिण की ओर जाने का आदेश दिया है.
इस क्षेत्र में अमेरिकी युद्धपोतों की तैनाती बढ़ने के साथ इजराइली सेना गाजा की सीमा पर लामबंद हो चुकी है। इजराइल ने कहा है कि वह चरमपंथी समूह हमास को खत्म करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाएगा. Israeli Strikes On Gaza: इजरायल ने गाजा पर बरसाए मिसाइल, अब तक 200 लोगों की मौत, 1610 घायल
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि लड़ाई शुरू होने के बाद से 2,329 फलस्तीनी मारे गए हैं. यह संख्या 2014 में इजराइल-गाजा के बीच छिड़े युद्ध से भी अधिक है. यह युद्ध छह सप्ताह से अधिक समय तक चला था.
इस बार के संघर्ष में 1,300 से अधिक इजराइली मारे गए हैं, जिनमें से अधिकांश नागरिक हमास के सात अक्टूबर के हमले में मारे गए. बच्चों सहित करीब 150 लोगों को हमास ने बंधक बना लिया और उन्हें गाजा ले गए. 1973 में मिस्र और सीरिया के साथ हुए संघर्ष के बाद से यह इजराइल के लिए यह सबसे घातक युद्ध है.
संयुक्त राष्ट्र और सहायता समूहों ने कहा है कि इतनी तेजी से पलायन, साथ ही 40 किलोमीटर लंबे तटीय क्षेत्र की इजराइल द्वारा पूरी घेराबंदी के कारण भीषण मानवीय संकट होगा. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, गाजा का एकमात्र बिजली संयंत्र ईंधन की कमी के कारण पूरी तरह से बंद हो गया है. गाजा के अस्पतालों में भी दो दिन के भीतर जनरेटर का ईंधन खत्म होने की आशंका है, जिससे हजारों मरीजों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा.
खान यूनिस में नासिर अस्पताल में गहन देखभाल कक्ष (आईसीयू) घायल मरीजों से भरे हुए हैं, जिनमें से ज्यादातर तीन साल से कम उम्र के बच्चे हैं. क्रिटिकल केयर कॉम्प्लेक्स के सलाहकार डॉ मोहम्मद कंदील ने कहा कि विस्फोट से गंभीर रूप से घायल सैकड़ों लोग अस्पताल आए हैं, जहां सोमवार तक ईंधन खत्म होने की आशंका है.
उन्होंने कहा कि आईसीयू में 35 मरीज वेंटिलेटर पर हैं और अन्य 60 डायलिसिस पर हैं। कंदील ने कहा, ‘‘अगर ईंधन खत्म हो जाता है, तो इसका मतलब है कि पूरी स्वास्थ्य प्रणाली ठप हो जाएगी, सेवाएं बंद हो जाएंगी.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम एक आपदा, एक और युद्ध अपराध, एक ऐतिहासिक त्रासदी की तरफ बढ़ रहे हैं. अगर बिजली आपूर्ति ठप हुई, तो इन सभी मरीजों की मौत का खतरा है.’’ उत्तरी गाजा पट्टी के कमाल अलवान अस्पताल में बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ हुसाम अबू सफिया ने कहा कि इजराइल के आदेश के बावजूद अस्पताल को खाली नहीं किया गया क्योंकि मरीजों को कहीं और ले जाने का कोई रास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि आईसीयू में सात नवजात शिशु वेंटिलेटर पर हैं. सफिया ने कहा कि घायल मरीज कटे हुए अंगों, गंभीर चोट की हालत में आ रहे हैं.
इजराइल की घेराबंदी के कारण पानी और चिकित्सा आपूर्ति की किल्लत के कारण गाजा पहले से ही मानवीय संकट में है. निवासियों ने कहा कि कुछ बेकरियां बंद होने से वे ब्रेड खरीदने में भी असमर्थ हैं.
गाजा शहर के सबसे बड़े अस्पताल अल शिफा अस्पताल ने कहा कि उसके मुर्दाघर में काफी ज्यादा शव हो जाने के कारण आपातकालीन उपाय के तौर पर वह 100 शवों को सामूहिक तौर पर दफनाएगा. अस्पताल ने कहा कि शव को दफनाने में उनके रिश्तेदार असमर्थ हैं, इसलिए यह कदम उठाया जा रहा.
इजराइल की जमीनी सेना की संभावित कार्रवाई से पूर्व गाजा पट्टी के मुख्य अस्पताल अल शिफा अस्पताल के मैदान में हजारों लोग शरण के लिए एकत्र हो गए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी डॉ मेधात अब्बास ने कहा, ‘‘लोगों को लगता है कि उनके घर नष्ट हो जाने और उन्हें भागने के लिए मजबूर होने के बाद यह एकमात्र सुरक्षित स्थान है. गाजा शहर तबाही का भयावह मंजर है.’’
इजराइल की सेना ने 10 लाख से ज्यादा फलस्तीनियों को उत्तरी गाजा को खाली करने का आदेश दिया. सेना ने कहा है कि वह उत्तर में हमास आतंकवादियों के खिलाफ एक बड़े अभियान से पहले नागरिकों को हटाने की कोशिश कर रही है, जिसमें गाजा शहर में भूमिगत ठिकाने भी शामिल हैं.
हमास ने लोगों से अपने घरों में रहने का आग्रह किया. वहीं, इजराइली सेना ने तस्वीरें जारी कर कहा कि हमास सड़क पर यातायात को दक्षिण की ओर जाने से रोक रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि उत्तरी इलाकों के अस्पतालों में नवजात शिशु और आईसीयू में इलाजरत लोगों समेत 2,000 से अधिक मरीजों के लिए निकासी ‘‘मौत की सजा के समान हो सकती है.’’
संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी की प्रवक्ता जूलियट टौमा ने कहा कि गाजा की लगभग एक चौथाई आबादी यानी करीब 5,00,000 लोग पूरे क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र के स्कूलों और अन्य केंद्रों में शरण ले रहे हैं, जहां पानी की आपूर्ति लगातार घटती जा रही.
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