कुरूक्षेत्र, एक जून हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोमवार को कहा कि विपक्ष ने राज्य की भाजपा-जजपा सरकार को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में पूरा समर्थन दिया लेकिन उसके "जनविरोधी" फैसलों को लेकर उसका विरोध करना पड़ा।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता हुड्डा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ विपक्ष ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में सरकार को पूरा समर्थन दिया था, लेकिन इस मुश्किल अवधि के दौरान भी सरकार ने कुछ जनविरोधी और किसान विरोधी फैसले किए और हमें उनका विरोध करना पड़ा।"
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हुड्डा ने कहा कि सरकार ने किसान विरोधी कई फैसले किए और इसकी शुरुआत लॉकडाउन अवधि में गेहूं और सरसों की खरीद में कई नए मापदंडों को शामिल करने से हुयी। इससे खरीद में परेशानी हुयी और राज्य के कुछ प्रखंडों में धान की बुवाई पर प्रतिबंध लगाया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने डीजल और पेट्रोल पर वैट दर में वृद्धि की है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के दबाव और किसानों के विरोध के मद्देनजर सरकार ने धान की बुवाई पर लगाए प्रतिबंधों को आंशिक रूप से वापस ले लिया।
एक सवाल के जवाब में कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को किसानों को गेहूं और गन्ने के बकाए का तुरंत भुगतान करना चाहिए और राज्य के कुछ हिस्सों में हाल में हुई ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश के कारण हुए नुकसान की भरपाई करनी चाहिए।
हुड्डा ने आरोप लगाया कि देश कोरोना वायरस महामारी से लड़ रहा है और हरियाणा में सरसों तथा चना की खरीद में घोटाला के साथ ही शराब घोटाला होने की भी खबर है।
उन्होंने कहा कि शराब घोटाले में निष्पक्ष जांच तो दूर की बात है, सरकार अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि जांच किससे करायी जाए।
हुड्डा ने दावा किया कि स्थिति ऐसी है कि पुराने घोटाले की जांच शुरू होने से पहले ही एक नया घोटाला सामने आ रहा है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ठेकेदार मनमाने दाम पर शराब बेच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने कीमतों में 10 रुपये से 50 रुपये प्रति बोतल की बढ़ोतरी की है, लेकिन ठेकेदार 200 से 400 रुपये प्रति बोतल तक ज्यादा ले रहे हैं। शराब की दुकानों ने रेट लिस्ट नहीं लगाई है और न ही ग्राहकों को कोई बिल दिया जाता है।
हुड्डा ने राज्य में कोरोना वायरस के मामलों की बढ़ती संख्या पर भी चिंता व्यक्त की।
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