Hindu Phobia Increasing In US: अमेरिका में बढ़ रहा है 'हिंदू फोबिया'-श्री थानेदार
भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने कहा है कि हाल ही में अमेरिका में 'हिंदू फोबिया' में वृद्धि देखी गई है, जिससे लड़ने की जरूरत है क्योंकि इस देश में नफरत के लिए कोई जगह नहीं है.
वाशिंगटन, 15 मार्च : भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने कहा है कि हाल ही में अमेरिका में 'हिंदू फोबिया' में वृद्धि देखी गई है, जिससे लड़ने की जरूरत है क्योंकि इस देश में नफरत के लिए कोई जगह नहीं है. थानेदार ने हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ते घृणा अपराध से लड़ने की मांग करने वाले हिंदू नेताओं और संगठनों के एक समूह में शामिल होने के अवसर पर यह बात कही. 'हिंदूएक्शन' नामक संगठन द्वारा आयोजित एक बैठक के दौरान विभिन्न भारतीय अमेरिकी समूहों के प्रतिनिधियों ने बुधवार को अमेरिका की राजधानी में मुलाकात की.
थानेदार ने कहा, ‘‘ हम अमेरिका में बहुत अधिक 'हिंदू फोबिया' (हिंदुओं को लेकर एक प्रकार की असुरक्षा की भावना) देखते हैं. हमने कैलिफोर्निया एसबी403 (जातिगत भेदभाव पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक) देखा है, और यह तो बस शुरुआत है. हमारे मंदिरों पर हमले और दुनिया भर में हिंदुओं पर हमले. यही एक कारण है कि मैंने हिंदू कॉकस बनाने का फैसला किया है.
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डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्य थानेदार ने कहा, ‘‘ अमेरिकी कांग्रेस में पहली बार, हमारे पास एक हिंदू कॉकस है. हम यह सुनिश्चित करने के लिए कई पहल कर रहे हैं कि लोगों को अपने धर्म का पालन करने की धार्मिक स्वतंत्रता हो जिस तरह से वे चाहते हैं. हमें इस भय, कट्टरता और नफरत से लड़ने की जरूरत है. क्योंकि अमेरिका में नफरत के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए, लोगों के धार्मिक अधिकारों के खिलाफ नफरत के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. और इसलिए हम कांग्रेस में इसी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. ’’ हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन की सुहाग शुक्ला ने कहा कि विशेष रूप से कॉलेज परिसरों में बड़े पैमाने पर हिंदू विरोधी पूर्वाग्रह और नफरत के मामले सामने आ रहे हैं.
उन्होंने अमेरिका में हिंदू समुदाय के खिलाफ घृणा अपराध की कुछ प्रमुख घटनाओं का भी उल्लेख किया. सुहाग शुक्ला ने कहा, ‘‘ पिछले दो वर्षों में हमने हिंदू विरोधी घटनाओं में वृद्धि देखी है. जिन सभी मंदिरों पर हमलों का मैंने उल्लेख किया है, उन सभी सड़क हमलों के साथ वीडियो में पकड़े गए अपराधी, जिनका मैंने उल्लेख किया है. हमलों के दौरान दिए गए बयान, भित्ति लेखन की प्रकृति और सामग्री ये सभी खालिस्तान आंदोलन की ओर इशारा करते हैं. जब सिख समुदाय के कुछ लोग हिंदू विरोधी घटनाओं के खिलाफ बोल रहे हैं, तो उन पर शारीरिक हमला किया गया है.’’