Himachal Pradesh: चंबा में भूस्खलन से एक की मौत, लाहौल हिमस्खलन की चपेट में
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में भूस्खलन से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि लाहौल में रविवार को हिमस्खलन हुआ. इस दौरान प्रदेश में दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 19 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई. राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, चंबा के सलूणी क्षेत्र के चमदेउ गांव में भूस्खलन में देवी प्रसाद नामक व्यक्ति की मौत हो गई और उनका शव बरामद कर लिया गया.
शिमला, 2 अप्रैल : हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में भूस्खलन से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि लाहौल में रविवार को हिमस्खलन हुआ. इस दौरान प्रदेश में दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 19 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई. राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, चंबा के सलूणी क्षेत्र के चमदेउ गांव में भूस्खलन में देवी प्रसाद नामक व्यक्ति की मौत हो गई और उनका शव बरामद कर लिया गया. अधिकारियों ने बताया कि जनजातीय लाहौल एवं स्पीति जिले के गोंडला इलाके में शूलिंग गांव के सामने पहाड़ पर रविवार सुबह हिमस्खलन हुआ. उन्होंने बताया कि हिमस्खलन में जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है.
उन्होंने बताया कि हिमस्खलन के वीडियो भी सोशल मीडिया पर लोगों द्वारा साझा किए जा रहे हैं. एक अन्य घटना में कुल्लू जिले के जिंदौद गांव के पास शनिवार को रुक-रुक कर हो रही बारिश के बाद पहाड़ी से पत्थर गिर गए. राज्य में खराब मौसम के कारण दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 19 सड़कों को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है. किन्नौर तथा लाहौल एवं स्पीति जिलों में ऊंचाई वाले जनजातीय क्षेत्रों और अन्य ऊंचाई वाले स्थानों पर हल्की बर्फबारी हुई. यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री मोदी ‘‘चुप’’ क्यों हैं : पश्चिम बंगाल, बिहार में सांप्रदायिक हिंसा पर कपिल सिब्बल
राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश जारी है. धौलाकुआं में 25.5 मिलीमीटर, जुब्बड़हट्टी में 25 मिलीमीटर, शिमला और सोलन में 22-22 मिलीमीटर, बिलासपुर में 21 मिलीमीटर, नाहन और पांवटा साहिब में 15-15 मिलीमीटर, बर्थिन में 14.5 मिलीमीटर और सुंदरनगर में 12 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. मौसम विभाग ने तीन और चार अप्रैल को आंधी-तूफान और बिजली गिरने की ‘येलो’ सतर्कता जारी की है क्योंकि रविवार रात से एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर पश्चिम भारत को प्रभावित करने की संभावना है. इसने सात अप्रैल तक क्षेत्र में बारिश की भी भविष्यवाणी की. मौसम विभाग ने खड़ी फसलों को होने वाले नुकसान के प्रति भी आगाह किया था और सेब की फसलों को बचाने के लिए ओला रोधी जाल के इस्तेमाल या ओला रोधी उपकरण लगाने की सलाह दी थी.